भगवान चिंतामण गणेश की आखिरी जत्रा में गुलाब से सजा गर्भगृह
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भगवान चिंतामण गणेश की आखिरी और शाही जत्रा में आस्था का सैलाब उमड़ा। प्रचंड गर्मी के बावजूद दर्शनार्थियों की भक्ति मेंं कोई कम नहीं आई। लंबी कतार में लगाकर श्रद्धालुओं ने प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान नवविवाहित जोड़ों ने भी भगवान का आशीर्वाद लिया।
दरअसल, चैत्र मास में भगवान श्रीगणेश की आराधना का विशेष महत्व है। हर साल चैत्र मास में भगवान चिंतामण गणेश की जत्रा का आयोजन किया जाता है। इस बार चार जत्राओं का क्रम रंगपंचमी से शुरू हुआ था। बुधवार को अंतिम और शाही जत्रा पर तडक़े ४ बजे मंदिर के पट खुले। भगवान का अभिषेक कर विशेष शृंगार किया गया। गर्भगृह को भी सफेद और पिंक गुलाब से सजाया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का क्रम शुरू हुए। गर्भगृह के बाहर से उन्होंने दर्शन किए। भगवान चिंतामण गण्ेाश की एक झलक पाकर श्रद्धालु धन्य हो गए। इस दौरान जय श्रीगणेश के जयकारों से मंदिर गूंजता रहा।
दर्शन के लिए लंबी कतार
भगवान चिंतामण गणेश तीनों जत्राओं की अपेक्षा आखिरी जत्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस कारण मंदिर परिसर के बाहर तक लाइन पहुंच गई। सभी ने कतारबद्ध होकर दर्शन किए। इस दौरान जिन श्रद्धालुओं के घरों में विवाह समारोह होने जा रहे हैं उन्होंने पहला निमंत्रण पत्र भगवान को अर्पित किया।
धूप से बचने के लिए शामियाने
आखिरी और शाही जत्रा में श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थीं। परिसर में जहां से श्रद्धालु लाइन मेें लगे थे वहां पर शामियाने लगाए गए थे ताकि श्रद्धालुओं को छांव मिल सके। इसके अलावा नीचे कारपेट बिछाया गया था ताकि पैर ना जले। मंदिर के बाहर पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी।