जानिए कहाँ रुकें, कितना होगा खर्च, और क्या रखें सावधानियाँ
उत्तराखंड। साल 2025 की चारधाम यात्रा कल यानी 30 अप्रैल से विधिवत रूप से शुरू होने जा रही है। श्रद्धालुओं में इस यात्रा को लेकर गहरी आस्था और उत्साह है। जिसमें 30 अप्रैल को ही गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खोले जाएंगे। वहीं 2 मई को केदारनाथ और तो 4 मई को बद्री बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। इसके अलावा हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे। चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त तरीके से उत्साह देखने को मिल रहा है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो गई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 20 लाख तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है। इस बार 50 लाख तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान जताया गया है।
कैसे करें यात्रा की योजना?
चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से होती है, इसके बाद केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ। भक्तों को सलाह दी जा रही है कि वे पहले से रजिस्ट्रेशन करवाएं और ट्रैवल प्लानिंग अच्छी तरह करें। यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट या संबंधित मोबाइल ऐप से ई-रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
कहाँ रुकें और कितना होगा खर्च?
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस बार विशेष ठहरने की व्यवस्थाएं की हैं। धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस, होटलों से लेकर टेंट सिटी तक का इंतजाम किया गया है।
सामान्य धर्मशालाओं में प्रति रात का खर्च ₹300 से ₹800 के बीच हो सकता है।
होटल का किराया ₹1000 से ₹3000 प्रतिदिन तक हो सकता है, सुविधानुसार।
टेंट व्यवस्था भी उपलब्ध है, खासकर केदारनाथ में, जहाँ ₹500 से ₹1500 तक की व्यवस्था है।
खर्च का औसत अनुमान:
यदि कोई श्रद्धालु हर धाम पर एक दिन रुकता है, तो भोजन, आवास और यात्रा को मिलाकर ₹15,000 से ₹25,000 तक का कुल खर्च आ सकता है।
कैसे पहुँचे चारधाम तक?
हवाई मार्ग: देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: हरिद्वार और ऋषिकेश प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग: वहाँ से बस, टैक्सी और हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं।
हेलिकॉप्टर सेवा खासकर बुजुर्गों और असमर्थ यात्रियों के लिए केदारनाथ के लिए बेहद मददगार है। इसके लिए भी अलग से बुकिंग करनी होती है।
यात्रा के दौरान रखें ये सावधानियाँ:
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र साथ रखें, खासकर केदारनाथ और यमुनोत्री जैसी ऊंचाई वाले स्थानों के लिए।
गर्म कपड़े जरूर साथ रखें, तापमान काफी गिर सकता है।
लगातार पैदल चलना होता है, इसलिए सही जूते और दवाइयों की तैयारी रखें।
किसी भी प्रकार की धार्मिक अपवित्रता से बचें – प्लास्टिक या कचरा ना फैलाएं।
गाइडेड टूर या समूह यात्रा करें तो अधिक सुरक्षित और सुगम होता है।