विक्रम विवि की परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाएं दीं पेपर नहीं दिया, फिर बोले जाओ परीक्षा रद्द

35 विद्यार्थी एमए योगा और दर्शनशास्त्र की परीक्षा देने आए थे
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय ३५ विद्यार्थी एमए दर्शनशास्त्र और योगा की परीक्षा देने पहुंचे। उन्हें उत्तर पुस्तिकाएं समय पर वितरित कर दी गईं। जब पेपर देने की बारी आई और बंडल खोले तो कमियां नजर आईं। वीक्षक एक दूसरे को देखते रहे। कुलगुरु तक मामला पहुंचा। विद्यार्थियों से कहा गया कि यह परीक्षा रद्द हो गई है। निराश विद्यार्थी बगैर परीक्षा दिए ही लौट गए।
विक्रम विश्वविद्यालय में सीबीसीएस पाठ्यक्रम में यूजी और पीजी की परीक्षाओं के दौरान सोमवार को एमए द्वितीय सेमेस्टर योगा व दर्शनशास्त्र की परीक्षा दोपहर 12 से 3 बजे तक होना थी। परीक्षा के लिए करीब 35 परीक्षार्थी निर्धारित समय पर परीक्षा केंद्र सुमन मानविकी भवन पहुंच गए थे।
वीक्षक ने सभी को उत्तरपुस्तिका भी दे दी। इसके बाद प्रश्रपत्र का बंडल देखा तो दोनों परीक्षा के प्रश्रपत्र उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में केंद्र पर मौजूद वीक्षकों ने परीक्षार्थियों को दी गई कॉपी वापस लेकर कहा कि प्रश्रपत्र नहीं होने से परीक्षा नहीं होगी।
सभी को केंद्र से बिना परीक्षा दिए लौटा दिया। ऐसे में परीक्षार्थी परेशान होते रहे। मामले को लेकर कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज का कहना है कि परीक्षा के पहले दोनों विषय के प्रश्रपत्र देखे तो उनमें गड़बड़ी थी। इसलिए परीक्षार्थियों को प्रश्रपत्र नहीं दिए गए। अब यह परीक्षा आगे की तिथि तय कर करा ली जाएगी। वहीं, परीक्षा समन्वयक डॉ. नलिन सिंह पंवार ने कहा कि परीक्षा के 15 मिनट पहले प्रश्नपत्र का लिफाफा खोला तो प्रश्नपत्र में त्रुटि दिखी थी। कहीं गलत प्रश्र पत्र नहीं चला जाए इसलिए प्रश्न पत्र विद्यार्थियों को नहीं दिए गए।
अधिकारियों से अनुमति लेकर परीक्षा निरस्त कर दी। बता दें कि इसके पहले 3 मई को एमए चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान भी कॉमन प्रश्र पत्र में केवल अंग्रेजी में ही प्रश्र छपे थे। इसमें हिंदी वर्जन में प्रश्र नहीं होने के कारण शिक्षकों ने प्रश्नों का हिंदी अनुवाद लिखवाया था। इस त्रुटि के कारण परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय देना पड़ा था।