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मुख्यमंत्री ने वादा निभाया, कावड़ उठाई कार्यकर्ताओं में जोश, मंदिर पहुंची यात्रा

कांवड़ यात्रा में नंगे पैर चले मुख्यमंत्री

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उज्जैन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सुबह उज्जैन में समर्पण कांवड़ यात्रा में नंगे पैर शामिल हुए और का कांधे पर कांवड़ भी उठाई। सीएम ने इस अवसर पर कहा कि सरकार पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा करेगी। सीएम डॉ. यादव आज सुबह उज्जैन आए और सबसे पहले कावंड़ यात्रा में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने कावड़ की पूजा कर, कावड़ उठाई। साथ में महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी और संत उपस्थित रहे।

 

05 हजार पौधे समिति ने यात्रियों को बांटे

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कावड़ यात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सावन माह के पहले दिन प्रतिवर्ष निकलने वाली समर्पण कावड़ यात्रा के लिए कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की थी। सीएम डॉ. मोहन यादव से अनुरोध किया गया था कि वे यात्रा में जरूर शामिल हों। आज सीएम दिन भर व्यस्त हैं, लेकिन उन्होंने कावड़ यात्रा के लिए समय निकाला और वादा निभाते हुए कावड़ भी उठाई। यात्रा की शुरुआत कराने के बाद वे रवाना हो गए। इंदौर में आयोजित कार्यक्रमों से निवृत्त होने के बाद शाम को आएंगे। रात्रि विश्राम यहीं करेंगे।

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महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज के सानिध्य में श्रावण मास में निकलने वाली समर्पण कावड़ यात्रा में हजारों कावड़ यात्रियों ने भाग लिया। सभी को हरियाली का संदेश देने के लिए पौधे वितरित किए गए। राम भागवत ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाली समर्पण कावड़ यात्रा यात्रा को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थी।

यात्रा में सीएम के अलावा समर्पण सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष तपन भौमिक, यात्रा संयोजक नारायण यादव, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति कलावती यादव, भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, ओम जैन सहित शहर के कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और समाजसेवी शामिल हुए। कावड़ यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई महाकाल मंदिर पहुंची जहां कावड़ यात्रियों ने बाबा का जलाभिषेक किया। कावड़ यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।

रूट डायवर्ट किए: कावड़ यात्रा में जुटी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन को इंदौर जाने वाले यात्रियों के लिए रूट डायवर्ट करना पड़ा। कई लोग त्रिवेणी विहार होते हुए अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। इधर टॉवर से लेकर नानाखेड़ा तक वाहनों की कतारें लगी रहीं। शहर के प्रमुख मार्गों पर पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर रूट डायवर्ट किए गए। महाकाल मार्ग पर यात्रियों की भीड़ के कारण वाहनों को लोहे के पुल पर रोका गया।

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