नगर भ्रमण पर सरकार, स्वागत को शहर तैयार

सावन सोमवार : तडक़े ढाई बजे जागे महाकाल, दर्शन के लिए भीड़, सवारी के लिए सुबह 10 बजे बाद शीघ्रदर्शन रोके

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उज्जैन। राजाधिराज महाकाल की सोमवार को सावन की पहली सवारी है। शाम चार बजे भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी की तैयारी में पूरा शहर लगा है। प्रशासन व्यवस्था बनाने में जुटा, शहर राजा के स्वागत को आतुर है। सावन के पहले सोमवार को तडक़े ढाई बजे मंदिर के पट खुले और इसके बाद भस्मारती हुई। सुबह से ही मंदिर में भारी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचे। भगवान महाकाल की सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकलेगी। इसके पहले सभामण्डप में मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल व उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भगवान महाकाल का पूजन करेंगे। पहली सवारी में भगवान मनमहेश स्वरूप में नगरभ्रमण पर निकलेंगे।

4498 दर्शनार्थियों ने किए चलित भस्मारती दर्शन
सावन के पहले सोमवार को सुबह से भी दर्शनार्थियों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ी। तडक़े ढाई बजे मंदिर के पट खुले और उसके बाद भस्मारती हुई। अनुमतिधारक दर्शनार्थियों के अलावा अन्य लोगों को कतार लगाकर कार्तिक मण्डप से भगवान महाकाल की भस्मारती के दर्शन कराए गए। मंदिर समिति प्रशासक प्रथम कौशिक के मुताबिक ४४९८ दर्शनार्थियों को चलित दर्शन कराये गये। भस्मारती के बाद आम दर्शनार्थियों को कार्तिक मण्डप और गणेश मण्डप से दर्शन कराये गए। सुबह 10 बजे बाद सवारी व्यवस्था के कारण आम दर्शनार्थियों को कार्तिक मण्डप से दर्शन कराये गए।

एक सप्ताह में 11 लाख दर्शनार्थियों ने किए महाकाल दर्शन
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि पिछले एक सप्ताह ७ जुलाई से 1३ जुलाई रविवार तक करीब ११ लाख 6 हजार 270 दर्शनार्थी भगवान महाकाल का दर्शन कर चुके हैं। सोमवार को दर्शनार्थियों की संख्या दो लाख से अधिक तक पहुंचने की संभावना है। पिछले एक सप्ताह में भस्मारती के चलित दर्शन २६ हजार ९९६ दर्शनार्थियों को कराए गए हैं।

मानसरोवर द्वार से मिला भक्तों को प्रवेश

सोमवार सुबह 10 बजे बाद मंदिर के सभी द्वार से प्रवेश बंद कर दिए गए। सिर्फ मानसरोवर द्वार से आम दर्शनार्थियों को प्रवेश मिला और कार्तिक मण्डप से दर्शन कराये गये। शीघ्र दर्शन के द्वार नंबर 1 व 4 व्यवस्था बनाने के लिए बंद कर दिए गए।

गर्भगृह-नंदी हॉल फूलों से सजाया

सावन सोमवार को गर्भगृह और नंदी हॉल मेें फूलों से विशेष सज्जा की गई। केरल के एक महाकाल भक्त के सौजन्य से यह सजावट की गई। इन्हीं ने भगवान महाकाल की नई चांदी पालकी में भी सजावट करवाई है।

यहां रहेगी पार्किंग व्यवस्था
भगवान महाकाल की सवारी दर्शन के लिये बाहर से भी काफी संख्या में दर्शनार्थी आये हैं। इन लोगों के वाहन के लिए पार्किंग व्यवस्था बनाई है।

हरिफाटक चौराहा स्थित मन्नत गार्डन पर 450 चौपहिया वाहन, वाकणकर ब्रिज के नीचे 400, भील समाज धर्मशाला पर 700, कर्कराज धर्मशाला पर 1000 कलोता समाज धर्मशाला पर २००० और नृसिंह घाट पार्किंग पर 250 चौपहिया वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई। यहां पर टू-व्हीलर काफी संख्या मेें पार्क किये जा सकते हैं। इन पार्किंग के अलावा बडऩगर रोड की तरफ से आने वाले वाहन कार्तिक मेला ग्राउंड, हरसिद्धि की पाल पार्किंग, आगर रोड से आने वाले वाहनों के लिए खाकचौक, मकोडिय़ा आम, मक्सी रोड से आने वाले वाहनों के लिये पण्ड्याखेड़ी, पाइप फैक्ट्री चौराहा, इंदौर रोड से आने वाले वाहनों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज, हरिफाटक आदि जगहों पर वाहन पार्क करने की व्यवस्था है। यहां से दर्शनार्थी स्थानीय साधनों से महाकाल मंदिर तक पहुंचेगे।

सवारी मार्ग पर बेरिकेडिंग-200 अतिरिक्त कैमरे और 1400 पुलिसकर्मी रखेंगे नजर

सवारी मार्ग पर पुलिस ने सोमवार को सख्ती बरती। पूरे मार्ग पर बेरिकेडिंग की गई। पूर्व निर्धारित व्यवस्था के मुताबिक दोपहिया वाहन को भी प्रतिबंध इलाकों में एंट्री नहीं मिली। पूरे सवारी मार्ग पर 1400 पुलिसकर्मियों को तैनात करने का दावा पुलिस विभाग ने किया है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने नियमित कैमरों के अलावा 200 सीसीटीवी कैमरे और लगाये हैं। जिनके जरिए पुलिस कंट्रोल रूम से पूरे सवारी मार्ग पर नजर रखी जायेगी।

डेरों से पकड़े संदिग्ध पकड़े, ताकि दर्शनार्थी सुरक्षित रहे… पिछले साल प्रत्येक सवारी में दर्शनार्थियों के मोबाइल, पर्स, चेन आदि चोरी की करीब 50 से अधिक घटनाएं हुई हैं। इस बार पुलिस पहले ही सतर्क हो गई और रविवार को शहर के विभिन्न डेरो पर दबिश देकर वहां से 23 संदिग्धों को पकड़ा है। एसपी प्रदीप शर्मा के मुताबिक शंकरपुर के पारदी डेरे से 8, छुमछुम बाबा के डेरे से 1, रेलवे स्टेशन पर माल गोदाम के पास स्थित डेरे से २ और नगर निगम परिसर व कार्तिक मेला ग्राउंड के पारदी डेरे से 6-6  संदिग्धों को पुलिस ने दबोचा है।

महाकाल सवारी मार्ग पर आने वाले जर्जर मकानों को इस तरह नेट से ढंक दिया गया है। चित्र: कहारवाड़ी का है।

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