शरारत… बदमाशों की करतूत, नागरिकों को दे रही हजारों रु. का फटका और त्रास

एक सप्ताह में 6 कार के शीशे टूटे, ई-रिक्शा में आग लगाई

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तकनीकी कारणों से इंश्योरेंस से क्लेम नहीं मिलता

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर में पिछले एक सप्ताह में कार के शीशे टूटने की छह से अधिक घटनाएं हुई हैं। मिस इंडिया निकिता पोरवाल के पिता की कार का शीशा भी बदमाश तोड़ गए हैं। रात में बदमाश आए और शीशे तोड़ गए। बदमाशों की शरारत से कार मालिकों को हजारों का फटका लगना तय है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी तकनीकी कारणों से भरपाई नहीं करती है। इन हालातों में कार मालिक सुबह अपने वाहन का टूटा शीशा देखता है तो उसका दिल भी टूट जाता है।

कारों के शीशे तोडऩे की घटनाएं यूं तो शहर में लंबे समय से चल रही है। लेकिन पिछले एक सप्ताह में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। शुक्रवार रात को अरविंदनगर निवासी प्रद्युम्न (निकिता के भाई) पिता अशोक पोरवाल की कार, लक्ष्मीनगर-सेठी नगर चौराहा (गाय चौराहा) पर नई कार, सुदामा नगर में अभिषेक शर्मा की कार, गुरुवार की रात ऋषिनगर में राजेंद्र जाधव, पुनीत जाधव व एक अन्य व्यक्ति की कार के शीशे तोडऩे की घटना हुई है। इसके अलावा और भी घटनाएं हुई हैं जो फरियादी पक्ष द्वारा शिकायत नहीं करने के कारण सामने नहीं आई हैं।

कौन है शीशे तोडऩे वाले बदमाश?
शीशे तोडऩे वाले बदमाश कौन हैं? इसका जबाव पुलिस के पास नहीं है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि पिछली कुछ घटनाओं में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कांच तोडऩे वालों को पकड़ा गया था। क्षेत्र में अपना आतंक फैलाने या रंजिश के कारण बदला लेने के उद्देश्य से अधिकतर ऐसी घटनाएं हुई हैं। बाद में इन बदमाशों को पुलिस ने गुंडा अभियान मेें पकडक़र उसी इलाकों में ले-जाकर उठक-बैठक करवाई जहां इन्होंने कांच तोड़े थे। कुछ लोगों को शंका है कि गाड़ी मरम्मत व्यवसाय से जुड़े लोगों के इशारों पर बदमाश ये घटनाएं करते हैं। क्योंकि कुछ मामलों में बदमाश फोर व्हीलर से आए थे। इससे स्पष्ट है यह प्लानिंग के तहत किया गया है। हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस नहीं करती।

सीधे-सीधे एफआईआर नहीं होती
कार मालिक अभिषेक शर्मा बताते हैं कि उन्होंने पुलिस को शिकायत नही की, क्योंकि पुलिस सीधे एफआईआर नहीं करती सिर्फ आवेदन लेकर रख लेती है। उन्होंने कहाकि एफआईआर नहीं होने के कारण इंश्योरेंस कंपनी क्लेम भी नहीं देती। उन्होंने ८ हजार रुपए में नया शीशा भी लगवा लिया है। हालांकि अरविंद नगर के पोरवाल और ऋषिनगर के जाधव बंधुओं ने पुलिस को आवेदन दिया है।

ग्लास खर्च 6 से 28 हजार तक
सूत्रों के मुताबिक कार का फ्रंट ग्लास 6 से 28 हजार रुपए तक में आता है। इसके बाद ग्लास फिटिंग चार्ज एक हजार से 1500 भी देना होता है। इस तरह बदमाशों की हरकत वाहन मालिक को अच्छा खासा फटका लगवा देती है।

पिछले कुछ दिनों में 50 से अधिक घटनाएं
पुलिस थानों के मुताबिक बीते कुछ दिनों में वाहनों के शीशे तोडऩे की सखीपुरा क्षेत्र में, नागौरी मोहल्ले में 2, लक्ष्मीनगर में 1, कानीपुरा रोड पर 2, पंवासा में 2, सुदामा नगर में 1, माधवनगर में 2, नीलगंगा क्षेत्र में 4, चिमनगंज में 6 घटनाएं सामने आई है। यह आंकड़े पिछले दो से तीन महीने के हैं।

इनका कहना

कार्रवाई करती है पुलिस
कार के शीशे टूटने मामले में पुलिस अदम चेक (पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध) की कार्रवाई करती है। कई जगह सीसीटीवी से सुराग मिलता है और बदमाश पकड़े भी जाते हैं। सबक सिखाने के लिए बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई करते हैं।
गजेंद्र पचौरिया,
चिमनगंज टीआई

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मिलता है इंश्योरेंस….
बीमित वाहन को नुकसान की भरपाई दुर्घटना की स्थिति में मिलता है। दुर्घटना में नुकसान के आंकलन के मुताबिक ७० से ८० प्रतिशत तक का क्लेम कंपनियां अपनी-अपनी पॉलिसी के मुताबिक देती है। दुर्घटना की पुष्टि पुलिस रिपोर्ट करती है। इस कारण पुलिस एफआईआर क्लेम में जरूरी है। कुछ कंपनियां अदम चेक भी क्लेम में मान्य करती है।
जयप्रकाश शर्मा
इंश्योरेंस एडवाइजर

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