सावन की भीड़ गायब, भादौ का सुकूनभरा सोमवार

भगवान महाकाल की आज पांचवी सवारी, डोल रथ पर सवार होकर होल्कर स्वरूप मेें निकलेंगे, धार्मिक पर्यटन की झांकियां भी रहेगी
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सावन खत्म हो चुका है। भगवान महाकाल की भादौ माह की पहली सवारी आज निकलेगी। शाम 4 बजे सवारी मंदिर से बाहर निकलेगी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ नगर भ्रमण शुरू होगा। अंतिम और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी। इससे पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। सवारी में भगवान महाकाल पांच स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल होंगे।

जनजातीय नृत्य भी होगा
इस बार सवारी में पालकी भजन मंडली के अलावा चार जनजातीय कलाकारों के दल भी प्रस्तुति देंगे। बैतूल से गौंड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडौरी के गेड़ी जनजातीय नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी।
धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां रहेगी
सवारी के साथ मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी शामिल होंगी। इनमें श्री राजाराम लोक ओरछा, मां बगलामुखी माता मंदिर, मां शारदा शक्तिपीठ मैहर और देवीलोक मां श्री बिजासन माता धाम सलकनपुर की झांकियां शामिल होगी।
लाइव प्रसारण की भी व्यवस्था
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिए श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनों का लाभ सकेंगे। सवारी के अलावा यह रथ अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्त अखाड़ा क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को दिखाएंगे। बीच-बीच में श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के दर्शन भी यहां होगे। ताकि भक्तजन सवारी और श्री महाकाल के दर्शन कर सकें।
सोमवार को मंदिर में भीड़, बाजार क्षेत्र सूना
सावन सोमवारों पर शहर में दिखाई देने वाली भीड़ भादौ के सोमवार पर नहीं थी। खासकर गोपाल मंदिर, ढाबारोड, पटनी बाजार, गुदरी, महाकाल घाटी आदि क्षेत्रों में सोमवार सुबह आराम से वाहनो की आवाजाही हो रही थी। बड़े वाहन सवारी के कारण प्रशासन ने प्रतिबंधित किए हैं। स्कूलों में अवकाश के कारण स्कूली वाहन भी नहीं थे। ऐसे में क्षेत्र के लोगों के लिए भादौ का सोमवार सुकूनदायी रहा। हालांकि त्योहारी चहल-पहल बाजार में जरूर दिखाई दी। रक्षाबंधन पर घर आई बहन-बेटियां खरीदारी के लिए बाजार में निकली। सवारी के लिए बैरिकेडिंग प्रशासन ने रात में ही कर दी थी। अगर सिर्फ सवारी देखने जाना है तो घर से तीन बजे बाद निकलना ठीक होगा।
महाकाल मंदिर कई जगह की एलईडी बंद
दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए जगह-जगह एलईडी स्क्रीन श्री महाकाल मंदिर परिसर और महाकाल लोक में लगी हैं। इनमें से कुछ स्क्रीन पिछले कुछ दिनों से बंद हैं। त्रिनेत्र कंट्रोल रूम, शंख द्वार, निर्गम द्वार आदि की स्क्रीन बंद हैं।
सवारी दर्शन के लिए कब कहां पहुंचे
3 बजे – महाकाल घाटी : दोपहर 3 बजे महाकाल घाटी पहुंचें। पालकी चार बजे मंदिर से निकलकर 4.15 बजे तक यहां से गुजरेगी।
4 बजे- बक्षी बाजार : सवारी यहां 4.45 बजे पहुंचेगी। 4 बजे तक यहां पहुंचकर सुविधाजनक रूप से दर्शन किए जा सकते हैं।
4.30 बजे – रामघाट-दत्तअखाड़ा : रामघाट पर पालकी शाम 5 बजे के बाद पहुंचेगी। यहां पूजन होगा। सवारी दर्शन के लिए रामघाट-दत्त अखाड़ा सुविधाजनक स्थान हैं। इसके बाद कार्तिक चौक पर पहुंचकर भी सवारी दर्शन कर सकते हैं।
6 बजे – ढाबा रोड/गोपाल मंदिर : सवारी दर्शन के लिए शाम ६ बजे तक गोपाल मंदिर या ढाबा रोड पहुंचना बेहतर होगा। यहां 6.30 बजे के बाद भगवान महाकाल की पालकी पहुंचती है।
7 बजे – महाकाल घाटी : यहां लौटती सवारी शाम 7.30 बजे तक पहुंचती है। यह स्थान भी सुविधाजनक दर्शन के लिए ठीक है। पहुंचने और लौटने के लिए यहां कई रोड जुड़े हैं।









