अनंत चतुर्दशी पर बप्पा जाएंगे, फिर से आने के लिए

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है। गणेश चतुर्थी से आरंभ हुआ यह पर्व अनंत चतुर्थी तक चलता है। इस दिन बप्पा को विदा किया जाता है और उनको पवित्र नदी में विसर्जन किया जाता है। शास्त्रीय नियमों के अनुसार, गणेश चतुर्दशी पर जब बप्पा को घर में विराजमान किया जाता है तो डेढ़ दिन, ढाई दिन, पांच दिन, 7 दिन या फिर 11 दिन तक अपने घरों में स्थापित किया जाता है। 11वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को विधि विधान से विदा किया जाता है। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी कब है और बप्पा को विदा करने के लिए कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अनंत चतुर्दशी इस दिन
अनंत चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर आरंभ होगी और 7 सितंबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, उदय तिथि के हिसाब से 6 सितंबर को ही अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।
बप्पा का विसर्जन करने का मुहूर्त
शुभ चौघडिय़ा सुबह में 7 बजकर 36 मिनट से 9 बजकर 10 मिनट तक।
लाभ चौघडिय़ा दोपहर में 1 बजकर 54 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक।
अमृत चौघडिय़ा दोपहर में 3 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 3 मिनट तक।
लाभ चौघडिय़ा शाम में 6 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 3 मिनट तक।
पंचांग के अनुसार, इन शुभ मुहूर्त में किसी भी समय आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं।
गणेश विसर्जन की विधि
गणेश विसर्जन के दिन बप्पा को विदा करने से पहले स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घी का दीपक जलाकर गणेश जी के मंडप के सामने आसन पर बैठकर गणेश मंत्र गं गणपतयै नम: का जप करें।
इसके बाद गणेश जी को अक्षत, फूल, धूप, धन अर्पित करें।
फिर गणेश जी की आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश जी को भोग लगाए। अंत में पूजा में हुई भूल चूक के लिए माफी मांगे और गणेश जी को अपने घर के पास किसी पवित्र नदी में गणेश जी का विसर्जन कर दें।