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सिम लेने आए ग्राहकों के नाम पर दो सिम निकाली, दूसरी का उपयोग सायबर फ्रॉड में

बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा, पुलिस जांच में जुटी

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एक ही सिम विक्रेता के खिलाफ दो अलग-अलग थानों में मामला दर्ज

उज्जैन। साइबर फ्रॉड में उपयोग के लिए सिम सप्लाई करने का एक बड़ा मामला उज्जैन पुलिस के हाथ लगा है। इसमें एक ही सिम विक्रेता के खिलाफ दो अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। संभावना है कि इस फ्रॉड में बड़ा रैकेट शामिल हो सकता है।

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दरअसल, महाकाल और माधवनगर थाने में इमरान नागौरी निवासी महाकाल रोड, वार्ड 31 हालमुकाम आगर नाका के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। महाकाल थाने के एसआई जितेंद्र झाला ने बताया आरोपी इमरान नागौरी की आगर रोड नाका नंबर 3 पर मोबाइल की दुकान है। इसने 27 जनवरी 2024 से अभी तक 15 सिम निकाली हैं जिसका उपयोग सायबर फ्रॉड मेें हुआ है। जिन भी ग्राहकों के नाम से सिम निकाली गई हैं, उन्हें बयान देने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह माधवनगर पुलिस ने बताया कि फ्रीगंज स्थित सीवी टेलीकॉम से 1 दिसंबर 2023 से 10 सितंबर 2025 के बीच आरोपी इमरान नागौरी ने ग्राहकों के दस्तावेज प्राप्त कर उनके नाम पर सिम एक्टीवेट कर अन्य जगह भेजी जिसका उपयोग सायबर अपराधों में किया गया। फिलहाल कितनी सिम से फ्रॉड हुआ है इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

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ऐसे करते थे फ्रॉड: आरोपी नई सिम या पोर्ट सुविधा लेने आने वाले व्यक्ति की आईडी संबंधी दस्तावेज का दुरुपयोग कर उन पर दो सिम एक्टिवेट करता था। एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी अपने पास रख लेता जिसे महंगे दामों पर ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को बेच देते थे। सिम लेने आए ग्राहक को पता ही नहीं चलता था कि उसके नाम से दो सिम अलॉट हुई है। माधवनगर और महाकाल पुलिस मामलों की जांच में जुटी हुई है।

बड़ा रैकेट सामने आने की संभावना: महाकाल थाने के एसआई झाला ने बताया फिलहाल मुकदमा दर्ज किया है। अब जिन लोगों के नाम सिम निकाली गई है उनके बयान लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। इस मामले में पुलिस ने बीएनएस के अलावा आईटी एक्ट व दूरसंचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

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