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जेवर खरीदने के बहाने चोरी की कोशिश, फरियादी की सतर्कता से पकड़ा गया भोपाल का नामी चोर

भोपाल के थानों में 6, इंदौर व उज्जैन के घट्टिया थाने में एक केस दर्ज

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जेवर खरीदने के बहाने चोरी की कोशिश करना भोपाल के चोर को भारी पड़ गया। फरियादी ने अपनी सतर्कता के चलते उसे पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से चांदी के दो कड़े, चांदी की रुद्राक्ष की माला और चांदी के 3 लॉकेट (ताबीज) मिले जिसकी कुल कीमत 30 से 35 हजार रुपए है। इसके बाद उसे पानबिहार पुलिस के हवाले कर दिया।

फरियादी यश सोनी निवासी ग्राम कालूहेड़ा की गांव की मेन रोड और घर के बाहर ज्वैलरी की दो शॉप है। 11 सितंबर को घर के बाहर की दुकान श्रीनाथ ज्वैलर्स पर हसन पिता राहत अली (36) निवासी संजयनगर, भोपाल हालमुकाम मेहंदी कुआं, जावरा आभूषण खरीदने के बहाने आया। यहां बहला-फुसलाकर उसने चोरी का प्रयास किया लेकिन फरियादी की सतर्कता से उसे मौके पर ही पकड़ लिया गया। तलाशी लेने पर हसन अली के पास से चांदी के दो कड़े, चांदी की रुद्राक्ष की माला और चांदी के 3 लॉकेट (ताबीज) मिले जिनकी कुल कीमत 30 से 35 हजार रुपए है।

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पानबिहार पुलिस ने उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। जांच में पता चला आरोपी हसन अली पर भोपाल के शाहपुरा, पिपलानी, बागसेवनिया, चूना भट्टी, मंगलवारा, जूनी इंदौर और उज्जैन के घट्टिया थाने में पहले से प्रकरण दर्ज हैं। टीआई जयंत डामोर ने बताया शुक्रवार को आरोपी को एक दिन के रिमांड पर लिया है। शनिवार को फिर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

फर्जी सिम विक्रेता पुलिस की गिरफ्त में

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उज्जैन। भोलेभाले लोगों को निशाना बनाकर उनके नाम पर फर्जी सिम जारी करने के आरोप में पुलिस ने फर्जी सिम विक्रेता को पकड़ा है। उससे लापू सिम (यह कंपनी की सिम होती है जो नंबर के रजिस्टे्रशन और पोर्ट में इस्तेमाल होती है), बायोमेट्रिक मशीन और फर्जी सिम कार्ड जब्त किए हैं। यह कार्रवाई राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार प्रदेशभर में चलाए जा रहे ऑपरेशन फास्ट के तहत की गई जिसका उद्देश्य फर्जी और डुप्लीकेट सिम कार्ड बेचने वाले एजेंटों की पहचान कार्रवाई करना है।

दरअसल, पिछले दिनों महाकाल और माधवनगर थाना पुलिस ने इमरान पिता सलीम नागौरी (25) निवासी आगर नाका के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने बताया कि वर्ष 2023 में इमरान फ्रीगंज स्थित सीवी टेलीकॉम में एजेंट के रूप में काम करता था। इसी दौरान उसने फर्जी तरीके से कई सिम कार्ड जारी किए। बाद में उसने स्वयं का पीओएस बनवाकर महाकाल थाना क्षेत्र में आरएल इमरान के नाम से अपनी दुकान खोली और वहां भी फर्जी सिम कार्ड बेचे।

इमरान भोलेभाले और कम जागरूक लोगों को निशाना बनाता था। वह उन्हें सिम पोर्ट या नया सिम देने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड, फोटो और अन्य दस्तावेज ले लेता था। कई बार वह ग्राहकों से ओटीपी के बहाना डबल ओटीपी लेता और उनकी जानकारी के बिना डुप्लीकेट सिम जारी कर देता था। उसने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई लोगों की व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर २५ से ज्यादा फर्जी सिम जारी किए जिससे सायबर फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड के साथ फर्जी अकाउंट बनाए जाते थे। आरोपी की पकडऩे में माधवनगर और महाकाल पुलिस के अलावा सायबर सेल टीम का विशेष योगदान रहा।

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