अमेरिका H-1B वीजा के लिए ₹88 लाख वसूलेगा

अमेरिका अब H-1B वीजा के लिए हर साल एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) एप्लिकेशन फीस वसूलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस ऑर्डर पर साइन किए। नए चार्ज 21 सिंतबर से लागू होंगे।
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H-1B वीजा के लिए पहले औसतन 5 लाख रुपए लगते थे। यह 3 साल के लिए मान्य होता था। इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था। अब अमेरिका में H-1B वीजा के लिए 6 साल में 5.28 करोड़ लगेंगे, यानी खर्च 50 गुना से ज्यादा बढ़ जाएगा।
अमेरिकी सरकार हर साल लॉटरी से 85,000 H-1B वीजा जारी करती है, जिनका इस्तेमाल ज्यादातर तकनीकी नौकरियों में होता है। सबसे ज्यादा भारतीय (72%) इसका इस्तेमाल करते हैं। अब वीजा फीस बढ़ने से 3 लाख से ज्यादा भारतीयों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
ट्रम्प ने H-1B में बदलाव के अलावा 3 नए तरह के वीजा कार्ड भी लॉन्च किए हैं। ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’, ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ जैसी सुविधाएं भी शुरू की गई हैं। ट्रम्प गोल्ड कार्ड (8.8 करोड़ कीमत) व्यक्ति को अमेरिका में अनलिमिटेड रेसीडेंसी (हमेशा रहने) का अधिकार देगा।