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त्योहारी सीजन में खटक रहा रेलवे का यार्ड रिमॉडलिंग काम

रोज 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित, बसों पर बढ़ा यात्रियों का लोड

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। रेलवे स्टेशन इन दिनों सूनसान है। यॉर्ड रिमॉडलिंग के चलते 15 अक्टूबर तक करीब 60 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही स्टेशन से नहीं हो रही है। इसमें से चार जोड़ी ट्रेनें तो पूरी तरह निरस्त की गई हैं। त्योहारी सीजन मेें रेलवे द्वारा शुरू किया गया यह काम सभी को खटक रहा है।

उज्जैन रेलवे यार्ड में करीब 5 दिन तक रिमॉडलिंग काम चलेगा। इसी के कारण अप एवं डाउन ट्रैक की 52 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है, जबकि 12 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि ब्लॉक कार्य और नॉन इंटरलॉकिंग के कारण 11 से 15 अक्टूबर तक मेगा ब्लॉक लेकर यह काम किया जा रहा है। इन कामों के पूरा होने के बाद भविष्य मेें उज्जैन स्टेशन को काफी फायदा होगा।

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प्लेटफॉर्म 7-8 का इस्तेमाल बढ़ेगा

पांच दिनों के इस यार्ड रिमॉडलिंग के दौरान प्लेटफार्म नंबर 7 और 8 को अन्य लाइनों से जोड़ा जा रहा है जिससे भविष्य में इन प्लेटफॉर्म पर भी सभी अप-डाउन ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। अभी प्लेटफॉर्म १, २ और ४-५ पर ही अधिकतर ट्रेनों का लोड होता है। रेलवे ने प्लेटफार्म नंबर 8 के पीछे नया कंट्रोल टॉवर भवन बनाया है। नया टॉवर आधुनिक मशीनरी, सभी प्लेटफार्म कनेक्टिविटी, सिग्नल और केबलिंग के साथ तैयार किया गया है। वर्तमान मेें कंट्रोल टॉवर प्लेटफार्म १ पर पुराने जीआरपी थाना भवन के समीप है। दूसरा टॉवर शुरू होने से ट्रेनों के ट्रैफिक कंट्रोल में भी सुविधा होगी।

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ट्रेनों के लिए यात्री परेशान, प्लेटफॉर्म सूने होने से कैंटीन का धंधा चौपट

स्टेशन आए तो पता चला ट्रेन ही नहीं, अब बस से जाएंगे

सुबह 9:30 बजे उज्जैन-चित्तौडग़ढ़ ट्रेन से यात्रा के लिए आए यात्री ट्रेन नहीं होने का सुनकर मायूस हो गए। यह ट्रेन 15 अक्टूबर तक उज्जैन नहीं आएगी लेकिन चिंतामन स्टेशन से संचालित हो रही है। हालांकि, यात्रियों को यह जानकारी देने वाला कोई नहीं था कि ट्रेन से यात्रा के लिए चिंतामन स्टेशन जाना होगा। मजबूरी में बसों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।

आकांक्षा सिंह ने बताया उन्हें बांसवाड़ा जाना था। अब चित्तौडग़ढ़ ट्रेन नहीं है तो बस से जाना पड़ेगा। कुलदीप राजपूत भी बांसवाड़ा जाने के लिए आए थे। वह भी अब बस से जाएंगे। चित्तौडग़ढ़ से हेमकुंवर रिश्तेदारों से मिलने उज्जैन आई थीं। ट्रेन नहीं मिलने से जानकारी मिली तो उन्होंने कहा अब बस से सफर करना होगा।

कैंटीन संचालक बोले- पैंसेजर नहीं होने से खाली हाथ बैठे हैं..

ट्रेनें नहीं आने से प्लेटफॉर्म सूने हैं। दीपावली पर्व से ठीक पहले ऐसे हालात बनने से कैंटीन संचालकों का व्यापारी पूरी तरह ठप हो गया है। संचालकों का कहना है कि त्योहार के समय यार्ड का काम लगाने के कारण ग्राहकी पर बहुत असर पड़ा है। देश का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली है। इस त्योहार पर यात्रियों की सर्वाधिक आवाजाही होती है। ट्रेन कैंसिल होने से कारोबार ठप है। हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं लेकिन रेलवे प्रशासन का निर्णय है, इस कारण हम क्या बोल सकते हैं।

यात्रियों को सलाह… यात्रा के पहले पूरी जानकारी लें

15 अक्टूबर तक यात्रा करने वाले घर से निकलने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति जरूर जांच लें। इसके लिए रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट, एनटीईएस ऐप या हेल्पलाइन नंबर का उपयोग करें। साथ ही यह भी देख लें कि आपकी ट्रेन का मार्ग बदला तो नहीं है, या कहीं वह शॉर्ट टर्मिनेट या आंशिक रूप से निरस्त तो नहीं की गई है। इससे यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।

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