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छठ पर्व: उगते सूर्य को उषा अर्घ्य देने पहुंचे व्रती, CM डॉ. मोहन यादव ने दिया अर्घ्य, आरती भी की

विक्रम सरोवर पर बनेगा मिथिलांचल घाट

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पूर्वांचल समाज की महिलाओं का छठ पर्व पर रखा। सबसे लंबा निर्जला व्रत मंगलवार को उषा अर्घ्य देने के साथ पूरा हो गया। पर्व के कारण रामघाट, विक्रम सरोवर और अन्य जलाशयों,सरोवरों पर व्रतियों की भीड़ रही। विक्रम सरोवर पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए, अर्घ्य दिया, आरती की और विक्रम सरोवर पर मिथिलांचल घाट बनाने का ऐलान किया।

घुटने-घुटने तक पानी में उतरकर महिलाओं ने सृष्टि के आधार सूर्यदेव को नमन किया और परिवार, समाज, राष्ट्र के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। करीब 36 घंटे तक निर्जला व्रत करने वाली महिलाओं के चेहरे दमक रहे थे। सूर्यदेव का आह्वान करते हुए उन्होंने अघ्र्य समर्पित किया। तड़के से ही व्रतियों और उनके परिजन यहां पहुंचे थे।

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सीएम डॉ. मोहन यादव ने विक्रम सरोवर पर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। छठ पर्व के लिए पूरे सरोवर क्षेत्र को आकर्षक तरीके से सजाया गया था।  रोशनी के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। सीएम ने इस मौके पर पूजन-आरती की और प्रदेश की जनता, मिथिलावासी और समस्त पूर्वांचल समाज को छठ पर्व की बधाई दी।

सीएम ने कहा कि छठ पर्व अद्भूत त्योहार है। यह हमारी माता-बहनों का कठिन व्रत है। यह हमारी गौरवशाली संस्कृति का प्रतीक है। मालवा गंगा बेसिन का इलाका है। गंगा बेसिन शिप्रा से शुरू होता है और गंगा तक जाता है। यह मध्यप्रदेश से बिहार तक को समृद्ध करता है। सोन माता का भी मध्यप्रदेश से संबंध है। हमारे प्रधानमंत्री ने सीतामढ़ी के लिए बड़ा प्रोजेक्ट बनाया है। भगवान राम का बिहार से दामाद का संबंध है। सम्राट अशोक का भी उज्जैन से भी संबंध रहा है।

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मिथिलांचल घाट पर होंगी सारी सुविधाएं: सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छठ उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए वह विक्रम सरोवर पर मिथिलांचल घाट का निर्माण करवाएंगे। यह घाट सर्वसुविधायुक्त होगा।

गुड़-अदरक और गुनगुने जल से खोला व्रत: 36 घंटे से निर्जला उपवास करने वाली व्रती महिलाओं ने गुड़-अदरक और गुनगुने पानी का सेवन कर घरों पर व्रत खोला। उपवास के लिए विशेष पकवान भी बनाए गए। इसमें बिहार का प्रसिद्ध पकवान ठेंकुआ, मिक्स सब्जी(आलू, देसी चना, मूली, कच्चा केला, बरबटी, सीजन की अन्य सब्जियां), पूड़ी, पकोड़े, दाल-चावल बनाया गया था।

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