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निर्देश जारी : एम्स के डॉक्टर पर्चे पर हिंदी में दवाओं का नाम लिखेंगे

मरीजों, तीमारदारों को समझने में आसानी होगी

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शोध और अध्ययन कार्य भी हिंदी में कराया जाएगा

नईदिल्ली, एजेंसी। एम्स जैसे संस्थान जल्द हिंदी में काम करते नजर आएंगे। विद्यार्थी हिंदी में ही मेडिकल की पढ़ाई करेंगे। डॉक्टर भी मरीजों के पर्चे पर हिंदी में ही दवा लिखेंगे, ताकि मरीजों और तीमारदारों को आसानी से समझ में आ सके।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एम्स को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बाद एम्स के हिंदी अनुभाग ने संस्थान के सभी विभागों को हिंदी में कामकाज की शुरूआत करने को कहा है। इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, एम्स में मेडिकल की पढ़ाई के लिए हिंदी में प्रकाशित पुस्तकें खरीदी जाएंगी, मेडिकल के क्षेत्र में शोध कार्य भी हिंदी में करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। न सिर्फ पढ़ाई में बल्कि दैनिक कामकाज में भी हिंदी का प्रयोग किया जाएगा। चिकित्सकों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

छात्रों पर दबाव नहीं
एम्स में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने के लिए आदेश तो जारी कर दिया गया है, लेकिन फिलहाल यह व्यवस्था वैकल्पिक रहेगी। अधिकांश शब्द हिंग्लिश के इस्तेमाल होंगे। आदेश में भी सिर्फ हिंदी में ही पढ़ाई करने की बाध्यता नहीं लगाई गई है। ऐसे में जो छात्र-छात्राएं अंग्रेजी में ही पढ़ाई कर सकते हैं और उनकी भाषा हिंदी नहीं है, उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई को पूरी तरह हिंदी में कर पाना मुश्किल होगा। क्योंकि अधिकांश शब्द ऐसे हैं जो आम बोलचाल में भी अंग्रेजी में ही बोले जाते हैं।

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