सिंहस्थ-2028: काम और उसकी गति से मीडियाकर्मी प्रभावित, प्लानिंग को लेकर सीएम को दिया धन्यवाद

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ-2028 के काम और उनकी गति बेहतरीन है। हर काम की प्लानिंग माइक्रो लेवल पर की गई है। सीएम डॉ. मोहन यादव को अच्छी प्लानिंग के लिए हम धन्यवाद देते हैं। यह संवाद मंगलवार को होटल अंजुश्री में मीडियाकर्मी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुआ। मौका था कि सिंहस्थ टूर के बाद सुझाव सत्र का। जल संसाधन विभाग के दो बड़े काम सेवरखेड़ी-सिलारखेडी प्रोजेक्ट और कान्हा डक्ट योजना का मीडियाकर्मियों ने भ्रमण किया। दोनों जगह काम की गति काफी तेज है। मंगलवार को जिला प्रशासन ने मीडियाकर्मियों को सिंहस्थ के काम दिखाए और उनसे सुझाव भी लिए।
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अगले साल पूरा होगा सेवरखेड़ी प्रोजेक्ट, शिप्रा जल हमेशा रहेगा
शिप्रा को हमेशा प्रवाहमान करने के लिए 614.3 करोड़ की लागत वाला सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी प्रोजेक्ट लाया गया है। इसके तहत सेवरखेड़ी में बैराज बनाया जा रहा है। मानसून सीजन में पंपिंग के जरिये यहां से पानी सिलारखेड़ी जलाशय में ले जाया जाएगा। 51 एमसीएफ क्षमता वाले तालाब से पानी को ग्रेविटी के जरिये गुवारिया के पास शिप्रा में छोड़ा जाएगा। इस तरह शिप्रा में हमेशा शिप्रा जल उपलब्ध होगा। संभागायुक्त आशीषसिंह ने बताया कि 2026 में प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। 2027 के मानसून सीजन में प्रोजेक्ट का भौतिक परीक्षण भी हो जाएगा। सिंहस्थ-2028 में शिप्रा जल से ही स्नान कराया जाएगा। अभी तक गंभीर या नर्मदा जल से स्नान कराया जाता था।
यह सुझाव भी आए
सिंहस्थ में स्नान के साथ लोग कल्पवास भी करेंगे। वह अलग-अलग मंदिर भी जाएंगे। इसलिए प्लानिंग में मंदिरों की व्यवस्था को भी शामिल किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं सिंहस्थ में भीड़ सिर्फ उज्जैन में नहीं होगी, उज्जैन , उसके आसपास के शहर और राज्यों में भी लोग होंगे। इन्हें सुरक्षित लाना और सुरक्षित ले जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। संभागायुक्त आशीषसिंह ने बताया कि सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को पांच किलोमीटर दूर अपने वाहन छोडऩे होंगे। वहां से उनके लाने और ले जाने का प्रबंध प्रशासन करेगा। इसकी विस्तृत योजना बनाई जा रही है।
- इंदौर रोड पर जीवनखेड़ी तरफ बन रहे ब्रिज पर जाम लगने का अंदेशा भी जताया गया।
- फिलहाल शहर में चल रहे निर्माण कार्यों को कारण आमआदमी को ट्रैफिक, नाली, गंदगी से हो रही परेशानी की बात भी उठी।
- रेलवे की रिक्त हो रही जमीन भी प्रशासनिक कब्जे में लेने का सुझाव दिया गया।
- शिप्रा में कान्हा का गंदा जल नहीं मिलेगा
शिप्रा को पूरी तरह शुद्ध करने के लिए जल संसाधन विभाग 919 करोड़ की लागत से कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट कर रहा है। करीब 30 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में 18 लंबी गहरी कट एंड कवर डक्ट बनाई जा रही है। इसके माध्यम से कान्हा का गंदा जल गंभीर की डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। इस तरह शिप्रा में गंदगी नहीं मिलेगी। दो निर्माण कार्यों का मुआयना करने के बाद मीडियाकर्मियों के साथ अफसरों ने बात की। कलेक्टर रौशन सिंह ने पीपीटी के जरिये सिंहस्थ के कामों का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ में 30 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए मान से व्यवस्था जुटाई जा रही है। उनके स्नान के लिए दोनों किनारों पर 29 किलोमीटर लंबे घाट बनाए जा रहे हैं। इन घाटों तक पहुुंचने के लिए एक नया फोरलेन एमआर 22 भी बनाया जा रहा है। करीब 19 नए पुल बनाए जा रहे हैँ। हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण किया जा रहा है।
कलेक्टर के प्रजेंटेशन से मीडियाकर्मी संतुष्ट दिखाई दिए और उन्होंने कामों की प्लानिंग और गति पर संतोष जताया। अच्छी प्लानिंग के लिए उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार भी जताया।









