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मंगलनाथ में दान राशि से मंगल ही मंगल दो माह में 55 लाख रु. से ज्यादा की आय

सिंहस्थ से पहले मंदिर का विकास करने की तैयारी नए पत्थर आए

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। दुनियाभर में मंगल ग्रह के उत्पत्ति स्थल के रूप में प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में भक्तों के दान और चढ़ावे से खजाना भरने लगा है। पिछले दो माह में 55 लाख रुपयों से ज्यादा की आय मंदिर प्रबंध समिति को हुई। हाल ही दानपेटियों से 3 लाख रुपए से ज्यादा का चढ़ावा निकला। समिति ने सिंहस्थ 2028 से पहले मंदिर क्षेत्र को विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है।

मंगलनाथ मंदिर में देशभर से भक्त भात पूजा कराने के लिए आते हैं। भात यानी पके चावल से यह पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से मंगल ग्रह से होने वाली पीड़ा से मुक्ति मिलती है। हर मंगलवार को मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और एसडीएम एलएन गर्ग और तहसीलदार द्वारा मंदिर में आय बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शीघ्र दर्शन के लिए 100 रुपए की सशुल्क दर्शन व्यवस्था आरंभ की गई है। गत मंगलवार को दिनभर दर्शन और पूजन के लिए भीड़ लगी रही।लंबी कतारों में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इससे 3 लाख 62 हजार 100 रुपए की आय मंदिर समिति को हुई। मंदिर के प्रशासक केके पाठक के अनुसार सितंबर और अक्टूबर 2025 में 55 लाख 97 हजार 106 रुपए की आय मंदिर समिति को हो चुकी है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के निर्देश पर मंदिर में विभिन्न निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं।

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अधूरा शिखर जल्द होगा पूरा
मंगलनाथ मंदिर का शिखर अभी अधूरा ही बन सका है। निर्माण कार्य शुरू होने से यह शिखर भी जल्द पूरा हो जाएगा। सिंहस्थ 2028 से पहले मंदिर परिसर को सुंदर रूप दिया जाएगा। इसके लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण की टीम भी जुट गई है। प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार इस मंदिर को भी महाकाल।महालोक की तरह विकसित करने के लिए काम कर रही।

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