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आतंकी मॉड्यूल के कॉन्टैक्ट वाले 200 लोग रडार पर, अब तक 60 हिरासत में

डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन ने मदद के नाम पर रु. बांटे

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फरीदाबाद। दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हंै। अब सुरक्षा एजेंसियों की जांच में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुजम्मिल और लेडी डॉ. शाहीन की मोबाइल की कॉल डिटेल और डिजिटल ट्रांसफर पेमेंट्स से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पता चला है कि आतंकियों ने अपने मकसद में कामयाब होने के लिए मदद के नाम पर कई लोगों के रुपए बांटे। उनकी पूरी साजिश का केंद्र फरीदाबाद का धौज व फतेहपुर तगा गांव और नूंह जिला रहा। इस व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल ने करीब 200 लोगों को किसी न किसी तरह से अपने संपर्क में रखा था। इनमें से करीब 60 लोग नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि 40 मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं। इनमें से कई फोन एन्क्रिप्टेड एप्स के सस्पेक्टेड ग्रुप्स से जुड़े मिले हैं। इनके बारे में चेन बनाकर जांच की जा रही है। धौज गांव में 76 एकड़ में फैली अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस साजिश का मुख्य हब बनाई गई। इसके पास धौज में 360 किग्रा और फतेहपुर तगा में 2553 किग्रा अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था।

डॉ. शाहीन 10 साल से जैश से जुड़ी
दिल्ली ब्लास्ट केस में शामिल आतंकी लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद 10 साल से पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि शाहीन 2015 में जैश से जुड़ी थी। अधिकारी के मुताबिक शाहीन ने एक साल तक जैश को संवेदनशील सूचनाएं भेजने का काम किया। 2016 में वह जैश की एक्टिव मेंबर बनी। सुरक्षा एजेंसियां अब ये पता लगा रही हैं कि 10 साल से शाहीन कहां-कहां रही और उसके नेटवर्क में कौन-कौन आया?

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