कृषि मंडी में चल रहे गैरेजों पर लगाए ताले

फाजलपुरा गेट खोलने के लिए व्यापारी संगठन से बना रहे सहमति
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। कृषि उपज मंडी में लंबे समय से चल रहे गैरेजों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को करीब 10 गैरेजों को मंडी प्रशासन ने बंद कराकर ताले लगाए हैं। जल्दी ही इनकी लीज भी निरस्त करवाई जाएगी।
कृषि उपज मंडी में लंबे समय से चल रही अव्यवस्थाओं को लेकर मंडी प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपनाया है। भारसाधक अधिकारी एडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर के निर्देश पर अवैध रूप से संचालित करीब 10 गैरेजों पर ताले लगाकर उन्हें बंद कर दिया। दो दिन पहले हुई संयुक्त बैठक में व्यापारियों की शिकायत पर एडीएम ने सचिव को गैरेजों पर ताला लगाने और मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके तहत प्रांगण प्रभारी प्रीतम सिंह चौधरी, संपत्ति शाखा प्रभारी महेंद्र यादव, दीपक श्रीवास्तव यह कार्रवाई की। मंडी सचिव अश्विन सिन्हा के अनुसार, इन गैरेजों को नोटिस जारी कर लीज निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
50 लाख का गेट 8 साल से बंद
कृषि उपज मंडी का बरसो पुराना फाजलपुरा गेट पिछले आठ साल से बंद है। गेट को शुरू करने के लिए करीब 50 लाख खर्च इसका नवनिर्मिाण कर पं दीनदयाल उपाध्याय द्वार नाम दिया गया था। ताकि किसानों व वाहनों के आवामन के लिए एक गेट और तैयारी हो जाए। यह गेट खुलने से किसानों के खाली ट्रैक्टर-ट्रालियों की निकासी आसान हो जाएगी। वर्तमान में सिर्फ दरगाह के सामने के ही एक गेट से वाहनों का आना-जाना होता है और इस कारण दिनभर में कई बार आगर रोड पर जाम की स्थिति बनती है। मंडी समिति इस गेट को खोलने को लेकर संशय की स्थिति में है, जिसके पीछे राजनीतिक दबाव होने की आशंका जताई जा रही है। मंडी सचिव सिन्हा कहते हैं व्यापारी मडलों से चर्चा कर सभी की सहमति से गेट शुरू करवाएंगे।
अब गुमटियां व मशीनें हटाने की बारी
बैठक में हुए निर्णय के मुताबिक अब प्रांगण में संचालित अवैध गुमटियां, प्रदूषण फैला रही मशीनें हटाई जाएंगी। मंडी में सड़कों और हाईराइज शेड में लगी मिट्टी साफ करने वाली मशीनों को बंद किया जाएगा, क्योंकि प्रदूषण, गंदगी फैलती है। अवैध ट्रक पार्किंग को हटाने का अभियान भी चलाया जाएगा।
अन्य गैर कृषि कारोबारियों पर चुप्पी
अधिकारियों ने गैरेज संचालकों पर तो कार्रवाई कर दी है लेकिन परिसर में गैरेजों के अलावा चल रहे अन्य गैर-कृषि कारोबार, जैसे शोरूम, ऑटो पार्ट्स, और किराना दुकानें, जिन पर नियमानुसार प्रतिबंध है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन पर भी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।









