ट्रांसफर के बाद प्राचार्य की तबीयत बिगड़ी आदेश में नए प्राचार्य का नहीं किया जिक्र

शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मामला
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य और शिक्षकों के बीच चल रही रस्साकशी में मंगलवार का नया मोड़ आ गया। तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्राचार्य डॉ जेके श्रीवास्तव का एकाएक तबादला कर दिया। उन्हें प्रोफेसर के रूप में रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज भेजा गया है। ट्रांसफर आदेश आने के बाद श्रीवास्वत की तबीयत बिगड़ गई। आदेश में प्राचार्य का चार्ज देने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में असमंजस भी बना हुआ है। वरिष्ठता के हिसाब से दो लोग पद के दावेदार हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्चस्व की लड़ाई करीब तीन साल से चल रही है। एक गुट के अगुवा डॉ. जेके श्रीवास्तव हैं और दूसरे के डॉ. उमेश पेंढारकर। श्रीवास्तव यह दावा करते हैं कि उनकी नियुक्ति राजभवन से हुई है और पेंढारकर की नियुक्ति तकनीकी शिक्षा विभाग ने की है। यह मामला विभाग से निकलकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। इसी आधार पर डॉ. जेके श्रीवास्तव एक महीने पहले ही फिर से प्राचार्य बने थे।
तीन दिन पहले उन्होंने लेक्चरार एलएस ठाकुर, एससी सोलंकी और एचके पटेल के खिलाफ शिकायती आवेदन नानाखेड़ा पुलिस स्टेशन में दिया था। इसमें तीनों लेक्चरार पर मैथेमेटिक्स विभाग में रात के समय अनाधिकृत तौर पर प्रवेश करने का आरोप लगाया था। नानाखेड़ा पुलिस आवेदन की जांच कर रही है और इसी बीच मंगलवार को प्राचार्य डॉ जेके श्रीवास्तव के तबादले का आदेश आ गया है। उन्हें रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राध्यापक बनाते हुए तत्काल रिलीव होने और चार्ज वरिष्ठ को सौंपने का आदेश दिया गया है। आदेश मिलने के बाद श्रीवास्तव की तबीयत बिगड़ गई।
सिविल की डॉ. सविता मारू और डॉ. उमेश पेंढारकर मजबूत दावेदार
तकनीकी शिक्षा विभाग ने आदेश में नए प्राचार्य का जिक्र नहीं किया है। आदेश में किसी वरिष्ठ टीचर को चार्ज सौंपने का हवाला दिया गया है। गोलमोल आदेश के बाद नए प्राचार्य के लिए दो नाम सामने आ रहे हैं। वरिष्ठता के हिसाब से सिविल विभाग की सविता मारू नंबर 1 और डॉ. उमेश पेंढारकर नंबर 2 पर हैं। हालांकि चार्ज किसे देना है यह डॉ. श्रीवास्तव के विवेक पर छोड़ दिया गया है।









