नहीं सुधरे यूरिया वितरण के हालात, किसान परेशान

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जिले में खाद (यूरिया) के नगद वितरण की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। मंगलवार को चिमनगंज मंडी प्रांगण के बाहर किसानों के हंगामे के बाद उन्हें यूरिया उपलब्ध कराने के लिए टोकन बांटे गए लेकिन बुधवार सुबह तक भी कतार में ऐसे कई किसान लगे थे जिन्हें टोकन तो 25 नवंबर का मिला हुआ है लेकिन 24 घंटे बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल सका है। इन्हीं सब हालातों को देखते हुए अब प्रभारी विपणन अधिकारी ने नगद विक्रय केंद्र की संख्या भी बढ़ा दी है और वितरण केंद्र खुलने का समय भी बदल दिया है। अब नगद विक्रय केंद्र दो घंटा पहले यानि सुबह 9 बजे से ही खुल जाएंगे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
उप संचालक कृषि कल्याण व प्रभारी जिला विपणन अधिकारी यू.एस. तोमर के मुताबिक जिले में ताजा हालात में करीब 4.5 मेट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। जिले की 172 सोसायटियों के जरिए यूरिया का वितरण चल रहा है, केवल कुछ परेशानी नगद विक्रय केंद्र पर देखने में आई है। यहां भी वितरण व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के लिए बुधवार से कृषि उपज मंडी के साथ ही डबल लॉक केंद्र धरम बड़ला पर भी नगद विक्रय आरंभ कर दिया गया है। इसके अलावा दोनों ही नगद विक्रय केंद्र का समय सुबह 11 बजे के बजाए सुबह 9 बजे का कर दिया गया है। बकौल तोमर गुरुवार को भी उज्जैन को 26 मेट्रिक टन की एक रैक यूरिया उपलब्ध हो जाएगी।
टोकन बंटा, यूरिया नहीं
ताजपुर के किसान साजिद खान 24 और 25 नवंबर दोनों ही दिन मंडी के विक्रय केंद्र पर दिनभर मौजूद रहे। दो दिन की मशक्कत के बाद उन्हें 111 नंबर का टोकन मिला, एक टोकन पर 6 बोरी यूरिया देने का प्रावधान किया गया है। तय शेड्यूल के मुताबिक मंगलवार शाम तक साजिद खान को यूरिया मिल जानी थी, लेकिन वे बुधवार सुबह तक कतार में लगे थे।
चंदेसरा के किसान अर्जुन लगातार तीन दिन से मंडी में खाद विक्रय केंद्र के चक्कर लगा रहे है। यूरिया तो दूर इन्हें तो टोकन तक नहीं मिल सका है।
चक कमेड के राज कछावा को भी 25 नंवबर के लिए टोकन मिला था, वे भी 26 की सुबह तक यूरिया लेने के लिए कतार में खड़े थे। सुबह जल्दी नंबर आ जाए इसलिए राज तो सुबह 4 बजे ही घर से मंडी पहुंच गए थे।
गढरोल के किसान नारायण हनोतिया सोमवार को खाद के लिए उज्जैन आए थे। मंगलवार को इन्हें टोकन मिल सका और बुधवार सुबह तक ये कतार में ही लगे हुए थे। 6 बोरी यूरिया के लिए तीन दिन से चक्कर काट रहे हैं।








