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15 से ज्यादा वारदातों में शामिल निकली लूटेरी दुल्हन गिरोह की सरगना

उज्जैन से वारदात के बाद जयपुर में भी लगाई दो लाख की चपत

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। उज्जैन जिले के भाटपचलाना थाना क्षेत्र के खरसौदकलां गांव में दुल्हन दिलाने के एवज में एक परिवार के साथ डेढ़ लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के बडे कारनामे सामने आए हंै। खुद इस गिरोह की सरगना ही 15 से ज्यादा वारदातों में शामिल रही। खास बात यह है कि इनमें से किसी भी वारदात में पीडि़त परिवार ने सामाजिक बदनामी के डर से एफआईआर दर्ज नहीं करवाई थी, संभवत: यहीं वजह रही कि इस गिरोह के हौसले बढ़ते गए। जयपुर के चौमू से पुलिस ने गिरोह की सरगना आशाबाई को गिरफ्तार किया है, उज्जैन जिले में वारदात के बाद यहां से फरार हुई आशाबाई ने चौमू में भी एक शख्स को दो लाख रुपए की चपत लगा दी थी।

नागदा की इंद्रपुरी कॉलोनी में रहने वाली आशाबाई अविवाहित है, नागदा में वह अपने पिता के साथ रहती थी। 35 साल की आशाबाई की गिरफ्तारी पर एसपी ने पांच हजार रूपए का इनाम रखा हुआ था। भाटपचलाना टीआई सत्येंद्र सिंह चौधरी के मुताबिक आशाबाई और उसके गिरोह के सदस्य नागदा-खाचरौद और राजस्थान के कुछ शहरों में पहले भी इस तरह की कई वारदात कर चुके हैं। इस गिरोह के सदस्य दुल्हन नेहा (वास्तविक नाम पूजा), विष्णुबाई, उसका पति रामचंद्र, नेहा का पति विनोद और जस्सू उर्फ राजू पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके है, जबकि गिरोह की सरगना आशाबाई फरार थी। भाटपचलाना पुलिस ने अब उसे भी गिरफ्तार कर लिया है।

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एक नजर वारदात पर

खरसौदकला में रहने वाले रतनलाल सेन को अपने पुत्र जितेंद्र के विवाह के लिए वधु की आवश्यकता थी, इसी बीच विष्णुबाई धाकड़ के साथ रतनलाल सेन की मुलाकात हुई।

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इस महिला ने रतनलाल को बताया कि वह जितेंद्र की शादी करवा देगी लेकिन इसके लिए रुपए लगेंगे।

महिला ने नागदा की पहले से विवाहित पूजा को कुवांरी लडकी बताया और गिरोह के शेष सदस्यों को उसका रिश्तेदार, यहां तक कि पूजा के पति को उसका भाई बताकर रतनलाल सेन से मिलवाया।

नेहा और जितेंद्र की शादी कराने के एवज में इस गिरोह ने रतनलाल सेन से डेढ लाख रूपए वसूले और घर में ही उसकी शादी करवा दी।

शादी के कुछ ही दिन बाद नई नवेली दुल्हन नेहा नदारद हो गई और मामला भाटपचलाना थाने पहुंच गया।

जहां ठहरी वहां खुद बनी लुटेरी दुल्हन

उज्जैन जिले में एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरोह की सरगना आशाबाई को फरारी काटना थी, लिहाजा वह जयपुर के चौमू पहुंच गई। यहां रहने वाले सोहन यादव को उसने शादी का झांसा दिया और खुद ही उसकी दुल्हन बनकर उसके साथ रहने लगी। शादी के एवज में आशाबाई ने परिवार की मदद का बहाना बनाकर सोहन यादव से दो लाख रुपए भी वसूल लिए थे। इधर, पुलिस उसकी तलाश में जुटी ही थी, मोबाइल फोन और नंबर बदल लेने के बावजूद पुलिस ने किसी तरह आशाबाई का नया नंबर हासिल कर लिया था और उसके बाद उसे ट्रेस करते हुए राजस्थान के चौमू तक पहुंच गए।

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