Advertisement

एसआईआर: उज्जैन उत्तर और दक्षिण की हेल्प डेस्क पर लगाए कम्प्यूटर

उज्जैन। स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआईआर) का काम उज्जैन उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ गया है। इन विधानसभाओं को ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों के बराबर पर लाने के लिए प्रशासन जमकर मशक्कत कर रहा है। इसी कड़ी में हेल्प डेस्क पर अब कम्प्यूटर लगा दिए गए हैं। इनके माध्यम से 2003 की मतदाता सूची में नाम तलाशना आसान हो गया है। उज्जैन जिले में शुक्रवार सुबह तक 82 फीसदी से ज्यादा गणना पत्रक डिजिटलाइज हो चुके थे। इनमें भी ग्रामीण क्षेत्र की संख्या ज्यादा है। शहरी क्षेत्र में पता बदलने से बीएलओ को दिक्कत आ रही है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

दक्षिण में इसलिए आ रही दिक्कत

सबसे ज्यादा समस्या उज्जैन दक्षिण में आ रही है। इसकी वजह है नई बनी कॉलोनियां। इंदौर और देवास रोड पर पिछले 22 साल में करीब 150 से नई कॉलोनियां बसी हैं। इनमें अलग-अलग विधानसभा से मतदाता रहने आए हैं। इनमें से अधिकतर वह हैं, जो पहले किराएदार थे और जिन्होंने अब अपने मकान बना लिए हैं। 2003 में उन्होंने कहां वोट डाला था, अधिकतर इससे अंजान हैं।

Advertisement

उज्जैन उत्तर से कई परिवार दक्षिण की तरफ शिफ्ट हुए हैं। इनके नाम तलाशने में दिक्कत आ रही है। ऐसे लोगों की संख्या करीब 40 हजार है।

उज्जैन दक्षिण जिले की सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 2.73 लाख वोटर और 293 बूथ है।

Advertisement

उज्जैन दक्षिण में स्लम एरिया नागझिरी और पंवासा भी है। यहां के मतदाता जागरुक नहीं है। ऐसे में उनके फॉर्म को पूरा करने में बीएलओ को काफी परेशानी आ रही है। उज्जैन दक्षिण की ईआरओ कृतिका भीमावद कहती हैं कि उज्जैन दक्षिण में नई कॉलोनियां ज्यादा बसी हैं, यहां मतदाताओं की शिफ्टिंग भी खूब है, 40 हजार मतदाता तो उज्जैन उत्तर से दक्षिण में शिफ्ट हुए हैं। इस वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है।

हेल्प डेस्क पर कम्प्यूटर लगाए हैं
मतदाताओं की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क पर कम्प्यूटर लगाए हैं। इससे काम आसान हुआ है। शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 82 फीसदी फॉर्म डिजिटलाइज हो चुके थे। हमारी कोशिश है कि 30 नवंबर तक पूरा काम निपट जाए।
संदीप सिंह, उपजिला निर्वाचन अधिकारी

Related Articles