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21 करोड़ जेब में, पर अब कैसे बनेंगे दो ब्रिज…

लोक निर्माण विभाग अतिरिक्त राशि की नहीं दे रहा प्रशासकीय स्वीकृति

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के लिए शिप्रा नदी पर बनने वाले दो ब्रिज का बनना अब खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा, क्योंकि 21 करोड़ रुपए प्रशासन की जेब में होने के बाद भी 14 करोड़ की अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी है। इससे दोनों ब्रिज बनाने की योजना फिलहाल खटाई में पड़ती दिखाई दे रही।

सिंहस्थ की तैयारी के सिलसिले में एसआर 24 मार्ग पर त्रिवेणी हिल्स कॉलोनी के पीछे सिकंदरी की ओर 150 मीटर लंबा ब्रिज शिप्रा नदी पर बनाना है। इसी तरह गऊघाट पाला से सावराखेड़ी के बीच 200 मीटर लंबा फोरलेन ब्रिज भी बनाने की योजना है। इसके लिए सरकार 21 करोड़ रुपए की राशि नगर निगम को जारी कर चुकी है, क्योंकि पहले इनको बनाने का जिम्मा नगर निगम को सौंपा गया था। बाद में पीडब्ल्यूडी ब्रिज को हैंडओवर किया गया। नगर निगम ने इन्हें टू लेन बनाने की डीपीआर भेजी थी जबकि पीडब्ल्यूडी ने फोरलेन बनाने की डीपीआर बनाई। इसके लिए 14 करोड़ रुपयों की अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृति की जरूरत है।

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इसके लिए भोपाल में प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन लंबे समय से यह स्वीकृत नहीं हो सका है। अब जबकि नवंबर माह खत्म होने को आ गया है और स्वीकृति न मिलने से काम शुरू नहीं हो पा रहे। ब्रिज बनाने में करीब डेढ़ से दो साल का समय लग सकता है। ऐसे में सिंहस्थ से पहले बनना संभव नहीं।

क्या है ब्रिज की तकनीकी अड़चन

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सूत्रों के अनुसार अफसरों ने दोनों ब्रिज की योजना तो बना दी लेकिन बजट में शामिल नहीं किया गया। बिना बजट के 14 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने में तकनीकी अड़चनें आ रहीं। यही कारण है कि पीडब्ल्यूडी भी कुछ नहीं कर पा रहा।

काम पीडब्ल्यूडी के पास पैसा नगर निगम के पास

दोनों ब्रिज के काम काफी समय पहले पीडब्ल्यूडी को सौंपे जा चुके हैं लेकिन इनके लिए जारी की गई 21 करोड़ रुपए की राशि नगर निगम के पास ही है।

निगम प्रशासन यह पैसा इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल रही।

कब-क्या हुआ

पहले ब्रिज बनाने का काम नगर निगम को सौंपा गया था, इसलिए 21 करोड़ रुपए निगम के पास हैं।

निगम ने 2 लेन के हिसाब से डीपीआर बनाई थी।

पीडब्ल्यूडी ने 4 लेन की डीपीआर बनाई। इसमें 14 करोड़ रुपए ज्यादा लगेंगे।

 निगम ने ओपन फाउंडेशन की डीपीआर बनाई जबकि नदी पर इससे ब्रिज बनाना संभव नहीं।

दोनों ब्रिज के काम अब पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दिए लेकिन 21 करोड़ निगम के पास ही हैं।

निगम अफसरों का कहना है कि अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर वह राशि हैंडओवर करेगा।

स्वीकृति का इंतजार
शिप्रा नदी पर दो ब्रिज नगर निगम से हैंडओवर किए जा चुके हैं, जिनके लिए अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार है।
पीएस पंत, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी ब्रिज

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