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हाईकोर्ट में प्राधिकरण का जवाब हमने लैंड पुलिंग समाप्त कर दी

किसानों का तर्क- जब धाराएं वहीं तो समाप्त कैसे, 5 को होगी बहस

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों की 2378 हेक्टेयर जमीन की उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा की जा रही लैंड पुलिंग की प्रक्रिया से जुड़ा मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार को इस मामले में हाइकोर्ट इंदौर बैंच में सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान प्राधिकरण और प्रशासन ने अधिवक्ता के जरिए तर्क रखा कि हमने लैंड पुलिंग समाप्त कर दी है लिहाजा याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसके ठीक विपरीत किसानों की ओर से एडवोकेट विजय आसुदानी ने तर्क रखा कि जिन धाराओं के तहत जमीन अधिग्रहण का राजपत्र प्रकाशन किया गया है वे लैंड पुलिंग से ही जुड़ी है। प्रशासन कोर्ट को गुमराह कर रहा है, लैंड पुलिंग खत्म नहीं की गई बल्कि धाराओं में मामूली संशोधन किया गया है। इन धाराओं के रहते शासन भविष्य में कभी भी किसानों की जमीन अधिग्रहित कर सकता है।

ग्राम तथा नगर निवेश विभाग की सिंहस्थ क्षेत्र योजना चार भागों में विभक्त की गई है। टीडीएस 8,9,10 और 11 में से 10 से प्रभावित खिलचीपुर क्षेत्र के 26 किसान मनोज चौधरी, चरण पटेल, देवीसिंह, अर्जुन पटेल व अन्य के द्वारा 10 अक्टूबर को जमीन अधिग्रहण के लिए जारी आदेश के विरुद्ध हाइकोर्ट पहुंचे हंै।

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एडवोकेट विजय आसुदानी के जरिए किसानों ने हाइकोर्ट के समक्ष अपने पक्ष रखे। प्रशासन, सरकार और विकास प्राधिकरण की ओर से अतरिक्त महाधिवक्ता सुदीप भार्गव ने अपने तर्क प्रस्तुत किए। दोनों ही पक्षों को सुनने के उपरांत हाईकोर्ट न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को नियत की है। याचिकाकर्ता किसानों से उनकी भूमियों के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है जबकि राज्य सरकार, ग्राम तथा नगर निवेश, विकास प्राधिकरण को आदेश दिए गए हंै कि वे योजना से जुड़ी अभी तक की संपूर्ण प्रक्रिया से कोर्ट को अवगत करवाएं।

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