Advertisement

2450 एमटी यूरिया की रैक आई रविवार को एक और रैक की उम्मीद

किसानों की सुविधा के लिए वितरण केंद्रों का समय बदला; टैगिंग सिस्टम से मुख्यालय पर खाद की कमी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जिले में खाद की आपूर्ति में सुधार करते हुए उज्जैन को शुक्रवार को 2450 मीट्रिक टन (एमटी) यूरिया की एक रैक प्राप्त हुई। विक्रमनगर स्टेशन पर लगी इस रैक से खाद को सोसायटियों और निजी दुकानों तक पहुँचाना शुरू कर दिया गया है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि 30 नवंबर (रविवार) को यूरिया की एक और रैक मिलने की उम्मीद है।

रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं में डलने वाले यूरिया की कमी पर कृषि विभाग ने अपना पक्ष रखा है। उपसंचालक कृषि ने एक बयान जारी कर कहा कि जिले में यूरिया का पर्याप्त स्टॉक है और लगातार रैक आ रही है। मालवा अंचल में गेहूं को रबी सीजन की मुख्य फसल माना जाता है। खरीफ सीजन खत्म होने के बाद किसान रबी सीजन में जुटे हैं। अधिकतर जगह गेहूं की बोवनी पूरी हो गई है और पौधे भी पांच से छह इंच के हो गए हैं। इस समय फसल में यूरिया डालने से बढ़त अच्छी होती है, ऐसे में किसान यूरिया के लिए परेशान हो रहे हैं। जिले के कई सेंटर से यूरिया की कमी की शिकायत सामने आ रही है। खासकर नगद विक्रय केंद्र से। ऐसे में कई जगह प्रदर्शन भी हो रहा है। उज्जैन के दोनों केंद्रों पर किसानों की भीड़ लग रही है और टोकन कम बंटने से उन्हें खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में कृषि विभाग के उपसंचालक यूएस तोमर ने यूरिया को लेकर अपना पक्ष रखा है।

Advertisement

तोमर के मुताबिक यूरिया को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है और रेलवे से यूरिया आने का क्रम जारी है। एनएफएल की 2450 मैट्रिक टन की रैक विक्रमनगर रेलवेस्टेशन पर खाली हो रही है। इसी तरह एचयूआर कंपनी की 2400 मैट्रिक टन की दूसरी रैक 30 नवंबर को लगेगी। शाजापुर और रतलाम से भी रैक लगातार आ रहे हैं। ऐसे में किसान घबराएं नहीं, क्योंकि यूरिया का पर्याप्त स्टॉक जिले में है।

वितरण केंद्रों का समय बदला
किसानों की परेशानी को देखते हुए उप संचालक कृषि यूएस तोमर ने यूरिया वितरण केंद्रों के खुलने का समय सुबह 10 बजे से एक घंटा पहले यानी सुबह 9 बजे से करवा दिया है। इसे लेकर डीडीए तोमर ने सभी संबंधितों को लिखित पत्र भेज दिया है। इसके अलावा, बंद पड़े डबल लॉक के दो केंद्र— तराना और मुल्लापुरा— को भी चालू करवाते हुए यहां से यूरिया खाद का वितरण शुरू करवा दिया गया है।

Advertisement

टैगिंग सिस्टम बिगाड़ रहा व्यवस्था

इधर, जिले में खाद उपलब्ध कराने वाली कुछ प्राइवेट कंपनियां अब भी टैगिंग के चक्कर में डीलर के माध्यम से दबाव बनाने में लगी हैं। डीलर अपना बोझ विक्रेता पर डाल रहे हैं। शहरी क्षेत्र के विक्रेताओं के विरोध के बाद डीलरों ने ग्रामीण क्षेत्र के सेंटरों पर यूरिया व अन्य खाद पहुंचाना शुरू करवा दिया है। इसके चलते उज्जैन जिला मुख्यालय की निजी दुकानों पर खाद की मात्रा कम हो गई है। जिम्मेदारों को कंपनी और डीलर के माध्यम से गड़बड़ाए जा रहे इस सिस्टम को सुधारने की ज़रूरत है, ताकि जिला मुख्यालय पर भी खाद की उपलब्धता बनी रहे और हंगामे की स्थिति उत्पन्न न हो।

Related Articles