पिता के निधन के बाद काली को पहले मां फिर चाचा और बाद में मामा ने भी छोड़ा…

मामला चामला नदी में कूदे युवक-युवती का, मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी पुलिस
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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सर्द रात में ब्रिज से नदी में युवक के साथ छलांग लगाकर जान देने वाली युवती की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। पिता के निधन के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली और बेटी को अकेला छोड़ दिया। फिर वह चाचा-चाची के पास रहने लगी, वहां से कुछ समय बाद मामा के पास चली गई लेकिन धीरे-धीरे सभी ने उसका साथ छोड़ दिया जिसके बाद वह वारिस के संपर्क में आई और प्रेम प्रसंग के चलते उसने अपनी जान दे दी।
हालांकि, दोनों ने सुसाइड क्यों किया, यह सवाल बडऩगर पुलिस के लिए भी पहेली बना हुआ है। पुलिस का कहना है कि मामला प्रेम प्रसंग का जरूर है लेकिन इसके पीछे की कहानी जांच के बाद ही सामने आएगी। उज्जैन से करीब 70 किमी दूर बडऩगर में रविवार रात वारिस उर्फ फरदीन पिता इस्लामुद्दीन खान (22) निवासी वीर गोदानाथ एक युवती के साथ चामला नदी पर बने पूल से कूद गया है। बडऩगर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और स्थानीय तैराकों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया लेकिन देर रात तक ना तो युवती की पहचान हो सकी और ना ही दोनों की बॉडी का कुछ पता चला।
रविवार-सोमवार की दरमियानी रात १.३० बजे युवती का शव मिला जिसकी पहचान काली पिता भेरूलाल डिंडोर (18) निवासी बागडिय़ा फलिया, थांदला (झाबुआ) के रूप में हुई। घिरता अंधेरा और सीमित संसाधनों के साथ स्थानीय निवासी कपिल मोरवाल की टीम कडक़ड़ाती ठंड के बीच युवक की बॉडी तलाशती रही। आखिरकार रात २.४५ बजे वारिस खान का शव मिल गया जिसे पुलिस को सौंप दिया गया। सोमवार सुबह बडऩगर अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
मामा के यहां जाने का बोलकर निकली
एएसआई और जांच अधिकारी सुनील देवके ने बताया कि काली अपने चाचा से मामा के यहां पेटलावद जाने का बोलकर निकली थी और किराना दुकान पर काम करने वाला वारिस परिजनों से बडऩगर जाने का बोल निकला था। इसके बाद संभवत: दोनों मिले और उन्होंने चामला नदी में छलांग लगा दी। हालांकि, मृतकों के परिजनों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी तो मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
काली को मां और मामा दोनों ने छोड़ दिया था
बडऩगर टीआई अशोक पाटीदार के अनुसार थांदला के बागडिय़ा फलिया में रहने वाली मृतका काली के पिता भेरूलाल डिंडोर का निधन हो चुका था और मां ने दूसरी शादी कर ली थी। इसके बाद काली कुछ समय अपने चाचा-चाची के पास रही। इसके बाद मामा उसे थांदला से पेटलावद अपने पास ले आया लेकिन कुछ समय बाद मामा ने भी उसे दूसरे के भरोसे छोड़ दिया था। दोनों ने किस कारण से यह रास्ता चुना, इसकी पता जांच के बाद ही चल सकेगा।









