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मप्र में स्कूल हुए हाई-टेक: शिक्षकों को 2.87 लाख टैबलेट, 52 रोबोटिक्स व 458 अटल लैब स्थापित

अक्षरविश्व न्यूज भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा तेजी से आधुनिक हो रही है। डिजिटल लर्निंग को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षकों और स्कूलों को व्यापक स्तर पर तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। टैबलेट वितरण, रोबोटिक्स लैब, अटल टिंकरिंग लैब और हाई-परफॉर्मेंस डिजिटल सिस्टम ने शिक्षा प्रणाली को नए युग में प्रवेश कराया है।

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डिजिटल क्लासरूम मजबूत
राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के 2.43 लाख शिक्षकों तथा हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी के 44 हजार शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए गए हैं। इन टैबलेट्स में डिजिटल कंटेंट, शिक्षण ऐप और स्टूडेंट-टीचर इंटरफेस मौजूद है। तकनीक के उपयोग से सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी और रोचक हुई है।

 

52 रोबोटिक्स और 458 अटल लैब
मध्यप्रदेश के 52 सांदीपनि विद्यालयों में बनी रोबोटिक्स लैब में छात्र एआई, सेंसर टेक्नोलॉजी और रोबोट निर्माण सीख रहे हैं। वहीं 458 पीएम श्री स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई हैं, जहाँ 3डी मॉडल, इलेक्ट्रॉनिक किट, डिज़ाइन थिंकिंग और इनोवेशन आधारित शिक्षा दी जा रही है।

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3063 जनशिक्षा केंद्र 100 प्रतिशत डिजिटल
प्रदेश के सभी 3063 जनशिक्षा केंद्र हाई-परफॉर्मेंस पीसी, प्रिंटर और यूपीएस से लैस कर दिए गए हैं। इससे ऑनलाइन प्रशिक्षण, मॉनिटरिंग और छात्र डेटा प्रबंधन सुचारू रूप से हो रहा है। विज्ञान और गणित के डिजिटल ई-कंटेंट ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण गुणवत्ता में बड़ा सुधार किया है।

17 ट्रेड में व्यवसायिक शिक्षा 6 लाख छात्रों का नामांकन
राज्य के 3367 सरकारी स्कूलों में 17 व्यवसायिक ट्रेड लागू किए गए हैं जिनमें रिटेल, आईटी, हेल्थ, इलेक्ट्रिकल, फाइनेंस और कृषि प्रमुख हैं। पिछले वर्ष जहां 4 लाख छात्र नामांकित थे, वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 6 लाख हो गई है। केवल दो वर्षों में 690 स्कूलों में कृषि ट्रेड शुरू किए गए।

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2 लाख छात्रों को करियर मार्गदर्शन
शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित करियर सप्ताह में 4311 हाई सेकेंडरी स्कूलों के 2 लाख छात्रों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने छात्रों को विषय चयन, करियर अवसर, प्रतियोगी परीक्षा और नौकरी संभावनाओं पर मार्गदर्शन दिया। विभाग इसे हर वर्ष आयोजित करने पर विचार कर रहा है।

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