इंदौर से उज्जैन सीमा में आते ही मेट्रो ट्रेन होगी अंडरग्राउंड

साढ़े चार किलोमीटर जमीन के अंदर चलेगी ट्रेन, लेकिन सिंहस्थ से पहले संभव नहीं
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इंदौर-उज्जैन के बीच प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसके अनुसार इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो कॉरिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होगा और उज्जैन सीमा में प्रवेश करते ही यह करीब साढ़े चार किलोमीटर तक अंडरग्राउंड होगा। समस्या यह है कि सिंहस्थ 2028 से पहले मेट्रो ट्रेन का संचालन संभव नहीं होगा। यह रिपोर्ट भोपाल में इसी माह पेश करने की कवायद की जा रही है।

डीपीआर तैयार होने के साथ यह बड़ी बात सामने आ रही है कि सिंहस्थ 2028 के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। अंतिम फैसला भोपाल में योजना के प्रेजेंटेशन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार लेंगे। मेट्रो कंपनी के अधिकारियों के अनुसार भोपाल में होने वाले प्रजेंटेशन में यदि प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली तो इसे अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास दिल्ली भेजा जाएगा। इसे स्वीकृति कब मिलती है, इस पर भी प्रोजेक्ट को सिंहस्थ पहले या बाद में शुरू करने पर निर्णय लिया जा सकेगा।
केंद्र और राज्य सरकार ने अगर इसे सिंहस्थ से पहले शुरू करने पर ताकत लगाई, तभी कुछ सकारात्मक निर्णय की संभावना है। अभी इंदौर में मेट्रो ट्रायल रन पर चल रही है। इसे उज्जैन तक आगे बढ़ाने की योजना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चाहते हैं सिंहस्थ से पहले उज्जैन तक इसका संचालन किया जाए। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने व्यापक सर्वेक्षण कराया है। कॉर्पोरेशन के सूत्रों के अनुसार इंदौर-उज्जैन मेट्रो मार्ग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए का फंड लगेगा। सरकार फंड देने के लिए पूरी तरह तैयार है, किंतु इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में समय लगेगा।
रेलवे स्टेशन से जुड़ेगी मेट्रो
मेट्रो का शुरुआती स्टेशन इंदौर में लवकुश चौराहा होगा और आखिरी स्टेशन उज्जैन रेलवे स्टेशन तय किया गया है। इस तरह मेट्रो को उज्जैन रेलवे स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा, जिससे इंदौर और उज्जैन के लोगों के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगी। प्रस्तावित मार्ग में भौंरासला, बारोली, धरमपुरी, तराना, सांवेर, पंथ पिपलई, निनोरा, त्रिवेणी, नानाखेड़ा और उज्जैन रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
अंडरग्राउंड कहां से किया जाए अभी तय नहीं
मेट्रो ट्रेन की डीपीआर के अनुसार इंदौर से उज्जैन तक पूरा कॉरिडोर एलिवेटेड होगा। उज्जैन शहर की सीमा में प्रवेश करते ही ट्रेन को भूमिगत करने की योजना है, लेकिन शहर के अंदर मेट्रो को किस जगह से भूमिगत किया जाए, इस पर अभी अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। यह निर्णय भी भोपाल में प्रेजेंटेशन के दौरान लिया जा सकता है। लगभग 45 किलोमीटर लंबी इस लाइन में 11 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 4.5 किलोमीटर हिस्सा उज्जैन शहर में भूमिगत रहेगा।








