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चौंकाने वाला नाम आ सकता है उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र से…!

लोकसभा चुनाव 2024 की भाजपा में तैयारी,14 सांसदों टिकट पर तलवार

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर नाम तय करने के लिए संसदीय स्तर पर पहली बार रायशुमारी के बाद भाजपा के राष्ट्रीय संगठन की पहले दौर की बैठक हो गई। इसके प्रदेश नेताओं के साथ पैनल पर मंथन हुआ। ऐसी सीट जहां पर तस्वीर साफ है, वहां सिंगल नाम प्रस्तावित किए गए हैं और जिन सीट पर दावेदार ज्यादा हैं, वहां के लिए फिर बैठक होगी। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि 14 सांसदों टिकट पर तलवार लटकी है। उज्जैन सहित 21 क्षेत्रों में दावेदार अधिक होने के कारण पैनल तैयार किया। वहीं उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र से चौंकाने वाला नाम आ सकता हैं।

 

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लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश की 29 सीट पर उम्मीदवार तय करने के पहले भाजपा ने उच्च स्तर पर मंथन प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के बाद केंद्र स्तर पर बैठक का एक दौर हो चुका है। सूत्रों के अनुसार बैठक में सभी 29 सीट के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई है। सूत्रों के अनुसार सात सीट सीट नी लगभग सिंगल नाम है और 21 स्थानों पर दावेदारों की संख्या तो अधिक है वर्तमान कई सांसदों का प्रदर्शन भी ठीक नहीं होने के उनके टिकट संकट में है। उज्जैन को लेकर कहा जा रहा है कि इस क्षेत्र से दावेदारों की संख्या अधिक है। परिणामों के लिहाज से सीट भी सुरक्षित है। पार्टी उज्जैन उज्जैन-आलोट को जीतने वाला संसदीय क्षेत्र मानती है। ऐसे में इस क्षेत्र कोई चौंकाने वाला नाम भी आ सकता है।

159  नेताओं से लिखित में लिए तीन दावेदारों के नाम

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बता दें कि रायशुमारी के दौरान प्रदेश स्तर से लोकसभा क्षेत्रों की जमीनी हकीकत जानने के लिए गए नेताओं ने स्थानीय पदाधिकारियों, विधायकों सहित मंडल अध्यक्ष जैसे कार्यकर्ताओं को एक फॉर्मेट दिया था, जिसमें लोकसभा सीट के लिए संभावित तीन दावेदारों के नाम लिखकर मांगे गए थे। इसमें खुद का नाम छोड़कर दूसरे दावेदार का नाम लिखना था।

उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के लिए बीते दिनों हुई रायशुमारी पूर्व सांसद आलोक संजर व मप्र शासन के मंत्री नारायणसिंह पंवार ने लोकशक्ति भवन भाजपा कार्यालय के बंद कमरे में 159 नेताओं से रायशुमारी की गई। इसमें आलोट विधानसभा के १६,भाजपा उज्जैन नगर इकाई के 64 और भाजपा ग्रामीण इकाई के 79 नेताओं से एक-एक कर कमरे में बुलाकर बात की। इनकी राय जानी गई। ये किसे दावेदार के रूप में देखना चाहते हैं? इसके लिए प्रत्येक से पर्ची में पैनल के तीन-तीन नाम लिखवाए गए। रायशुमारी में भाग लेने वालों को पर्ची में अपना नाम, पद, विधानसभा व मोबाइल नंबर के अलावा हस्ताक्षर करके देना पड़ा।

पहली बार रायशुमारी

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करने जमीनी स्तर पर रायशुमारी की गई है। इसमें कैबिनेट मंत्रियों के साथ प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों ने अपने-अपने इलाके की लोकसभा सीटों पर राय रखी। चर्चा है कि इस बार भाजपा कई मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है और नए चेहरों को मौका दे सकती है।

मौजूदा सांसद बदले जा सकते हैं

फिलहाल, एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से 28 पर भाजपा के सांसद हैं। भाजपा ने अपने 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था। इनमें से 5 विधानसभा चुनाव जीते थे। 2 को हार का सामना करना पड़ा था। इन सातों सीटों पर पार्टी नए उम्मीदवार उतार सकती है। इसके बाद शेष 14 सांसदों के टिकट बदले जा सकते हैं।

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