Friday, September 29, 2023
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प्रकरण दर्ज होने के बाद प्रक्रिया को निरस्त करने की कवायद…

मामला विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली का

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की धांधली को लेकर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने के बाद उच्चशिक्षा क्षेत्र में कड़कंप मचा हुआ है। प्रकरण दर्ज होने पर अब इस प्रवेश परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की कवायद चल रही है। इसका प्रस्ताव कार्यपरिषद की बैठक में रखा जा सकता है।

विक्रम विश्वविद्यालय में मार्च 2022 को हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा की आंसर शीट में काट छांट कर धांधली की शिकायत पर लोकायुक्त ने कुलसचिव, सहायक कुलसचिव व तीन शिक्षकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद उच्चशिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

इधर अब विवि के अधिकारी मामले में संस्थान की साख बचाने के जतन कर रहे है। इसी क्रम में कोशिश है कि पीएचडी इंजीनियरिंग विषय की कोर्स वर्क प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया जाए। इसके लिए परीक्षा निरस्त कराने की तैयारी में जुट गए हैं। विवि सूत्रों के अनुसार 30 जून को प्रस्तावित कार्यपरिषद की बैठक में पीएचडी इंजीनियरिंग विषय की कोर्स वर्क प्रवेश परीक्षा के मामले में लोकायुक्त प्रकरण दर्ज होने का विषय को रखकर प्रक्रिया को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया जा सकता है। कार्य परिषद से स्वीकृति मिलने के बाद कोर्स वर्क परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी।

धांधली के बाद भी परिणाम घोषित कर दिया था

बता दें कि मामले में मार्च 2022 को आयोजित हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली होने के बाद भी परिणाम घोषित कर दिया था। इसके बाद शिकायतों के आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी। हालांकि कमेटी के सदस्यों ने जांच को बीच में छोड़कर इस्तीफा दे दिया था। इसी बीच फरवरी-मार्च 2023 में विवादास्पद विषय की विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोर्स वर्क परीक्षा आयोजित करा ली थी।

शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग के अधिकारियों ने कुलपति , कुलसचिव और इंजीनियरिंग विभाग अध्यक्ष को नोट शीट चलाकर विवादास्पद विषय होने के कारण कोर्स वर्क परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं करने को कहा था। उसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन लंबे समय तक इस मामले में निर्णय नहीं ले पा रहा था। इस मामले में कुलसचिव डॉ.प्रशांत पौराणिक ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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