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दताना-मताना हवाईपट्टी पर एयरपोर्ट का करार

प्रदेश के नौवे एयरपोर्ट के लिए एमओयू साइन….

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उज्जैन। दताना-मताना हवाईपट्टी पर एयरपोर्ट बनाने का रास्ता साफ हो गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया 45 करोड़ की लागत से 241 एकड़ भूमि पर प्रदेश का नौवा एयरपोर्ट तैयार करेगा। सिंहस्थ-2028 के पहले इसे तैयार करने का लक्ष्य है। लागत बढऩे पर अतिरिक्त खर्च मप्र सरकार उठाएगी। एयरपोर्ट से एटीआर-72 श्रेणी के विमानों का संचालन होगा। यह विमान दिन के साथ रात में भी उड़ान भर सकते हैं। इनकी सीट क्षमता 68 होती है।

दरअसल उज्जैन में महाकाल महालोक और विक्रम उद्योगपुरी के कारण उज्जैन में लोगों की आवाजाही काफी बढ़ गई है। उज्जैन में ही एयरपोर्ट स्थापित करने की मांग लंबे समय से उठ रही है। उज्जैन-इंदौर के बीच एयरपोर्ट के लिए जगह तलाशी जा रही थी, हालांकि करीब 2000 एकड़ जमीन मिलना मुश्किल हो गया है, ऐसे में दताना-मताना हवाईपट्टी को ही एयरपेार्ट के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है।

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मध्यप्रदेश विमानन विभाग एवं एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने शनिवार को एमओयू साइन किया। सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री केआर नायडू की उपस्थित में यह करार किया गया। मध्यप्रदेश शासन की ओर से एसीएस विमानन विभाग संजय कुमार शुक्ला तथा एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से अध्यक्ष विपिन कुमार ने साइन किए।

एटीआर-72 के हिसाब से तैयार होगा

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उज्जैन एयरपोर्ट को एटीआर-72 श्रेणी के विमानों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। 68 सीटर यह विमान दिन के साथ रात में भी उड़ान भर सकते हैं। भविष्य में यहां से ए-320/321 श्रेणी के बड़े विमानों के संचालन भी हो सकेगा।

उज्जैन को यह होगा फायदा- उज्जैन एयरपोर्ट विकसित होने से पश्चिमी मध्य प्रदेश में पर्यटन एवं व्यावसायिक क्षेत्र में नवीन अवसर सृजित होंगे और आर्थिक गतिविधियां को ताकत मिलेगी। उज्जैन सीधे देश विदेश के हवाई मार्ग से जुड़ सकेगा । एयरपोर्ट बनने पर 100 प्रत्यक्ष तथा लगभग 300 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। उज्जैन प्रदेश का नौवां एयरपोर्ट होगा।

क्या रहेगा योजना में

45 करोड़ की राशि से एयरपोर्ट तैयार होगा। इसके निर्माण के लिए 241 एकड़ जमीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। अगर एयरपोर्ट निर्माण की लागत बढ़ेगी तो यह खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

प्रोजेक्ट एक नजर में

रन-वे दोगुना होगा : हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में डेवलप करने के लिए रन-वे को दोगुना किया जाएगा।

लंबाई बढ़ेगी : वर्तमान में 950 मीटर का रन-वे है। इसे बढ़ाकर 1800 मीटर किया जाएगा।

छोटे विमान आ-जा सकेंगे पहले फेज के डेवलपमेंट के बाद यहां से एटीआर यानी छोटे विमान आ-जा सकेंगे। नाइट लैंडिंग हो सकेगी।

तब और जमीन चाहिए होगी भविष्य में यदि सेकंड फेज के निर्माण की भी सहमति बनती है तब करीब 450 एकड़ जमीन की और जरूरत पड़ेगी।

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