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तिलक लगाया…50 रुपये मांगे…नहीं दिये तो महिला बोली…तेरे बच्चे मर जाएं

भोपाल से आए श्रद्धालुओं को रामघाट पर घेरकर अभद्रता

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। शहर का कोई भी मंदिर हो उसके बाद दर्शनार्थियों को तिलक लगाकर रुपये मांगने वाले खड़े मिलते हैं। स्थिति यह है कि लोगों ने इस काम को व्यवसाय बना लिया है। तिलक लगाने के बाद लोगों से रुपयों की मांग करना और रुपये नहीं देने पर अभद्रता करना इनकी खासियत बनता जा रहा है। इन लोगों की हरकत से शहर की छवि धूमिल हो रही है।

 

देव दर्शन के लिये प्रतिदिन देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु शहर में आ रहे हैं। यह श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर दर्शनों के बाद रामघाट, मंगलनाथ, कालभैरव, सांदीपनि आश्रम सहित प्रमुख मंदिरों में भी दर्शनों को पहुंच रहे हैं। उक्त मंदिरों के बाहर तिलक लगाने वालों की गैंग सक्रिय है। मंदिर से बाहर निकलते ही यह लोग श्रद्धालुओं को घेरकर पहले जबरन तिलक लगाते हैं उसके बाद रुपयों की मांग करते हैं।

उनके द्वारा रुपये नहीं देने पर विवाद के साथ बद्दुआ भी देते हैं जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं तो आहत होती ही हैं साथ ही शहर की छवि भी धूमिल हो रही है। सुबह रामघाट पर रामरति कुशवाह निवासी भोपाल अपने परिवार के 8 सदस्यों के साथ रामघाट पर स्नान करने पहुंची। यहां नदी में स्नान के बाद सभी लोग मंदिर में दर्शनों के लिये जा रहे थे तभी रास्ते में करीब 6 महिलाओं और युवतियों की टोली ने उन्हें घेर लिया।

सभी की थाली में चंदन रखा था। उन्होंने लोगों को चंदन लगाना शुरू कर दिया। रामरति ने बताया कि तिलक चंदन लगवाने के बदले रुपये देना होते हैं इसकी जानकारी नहीं थी लेकिन हाथों में थाली लेकर खड़ी महिलाओं व युवतियों ने 50 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रुपयों की मांग की। रामरति के पति ने इतने रुपये देने से मना किया और बाले 100-50 रुपये ले लो तो उक्त महिलाओं ने विवाद शुरू कर दिया इसी टोली में शामिल एक महिला ने रामरति के परिजनों को बद्दुआ देते हुए कहा तेरा नाश हो जाए, तेरा नुकसान हो जाये, तेरे बच्चे मर जाएं। यह सुनकर भोपाल के श्रद्धालुओं ने रामघाट चौकी पर शिकायत की।

हम दिन भर भगाते हैं फिर भी आ जाते हैं

रामघाट चौकी पर ड्यूटी करने वाले महाकाल थाने के हेडकांस्टेबल मोहन सिंह परमार ने बताया कि रामघाट क्षेत्र में 50 से अधिक महिलाएं, युवतियां, बच्चे और पुरुष तिलक लगाने के काम में सक्रिय हैं। यह लोग झुंड बनाकर श्रद्धालुओं को घेरते हैं और तिलक लगाने के बाद रुपयों की मांग करते हैं। दिन भर उन्हें नदी क्षेत्र से भगाते हैं लेकिन वह मौका पाकर फिर से घाट पर आकर तिलक लगाने के बाद श्रद्धालुओं से अभद्रता करते हैं।

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