100 बंद मीटर के उपभोक्ताओं पर 10 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मकान, भवन, खरीदी के दौरान बिजली कंपनी से एनओसी नहीं ली तो आपके लिए आफत बढ़ सकती है। क्योंकि शहर में काफी लंबे समय से ऐसे मामले समाने आ रहे हैं, जिसमें मकान खरीदने के बाद एनओसी नहीं लेने के कारण पुराने बकाया बिल की राशि के लिए उपभोक्ताओं के पास नोटिस पहुंचे हैं, जिसका उन्होंने उपयोग भी नहीं किया।
गौरतलब है कि पुराने या नये मकान, भवन, फ्लैट, फार्म हाउस या प्लाट खरीदने के दौरान यदि उस जगह बिजली कनेक्शन हो तो इसके लिए उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी से एनओसी लेने का नियम है। जिससे ये पता चल जाता है कि पुराने मीटर में किसी तरह का बकाया है या नहीं। एनओसी नहीं लेने की स्थिति में मकान-भवन का मालिक बदल भी जाता है, तो पुराने बिजली बकाया की राशि को वर्तमान में रहने वाले व्यक्ति को भरना होगा। इसलिए खरीदी के समय एनओसी लेने से ये स्पष्ट हो जाता है कि बकाया है अथवा नहीं। बकाया होने पर पुराने मालिक को बिल जमा करना होता है। इसके बाद नए मालिक को एनओसी दिया जाता है।
10 लाख तक बकाया…. बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार शहर में लगभग 100 ऐसे बंद मीटर हैं, जिन पर बकाया बिजली कंपनी को वसूलना है। इसमें बकाया वसूली लगभग 10 लाख रुपये तक है। वहीं इन बंद मीटरों की अवधि दो से पांच साल की है। इसकी वसूली के लिए समय-समय पर बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को नोटिस दिया जाता है।
ऐसे आएगे कार्रवाई के दायरे में
बिजली अधिकारियों ने बताया कि जिस जमीन पर बिजली का मीटर किसी व्यक्ति के नाम से लगा है वह अपनी जमीन या मकान बेंच देता है तो बकाया वसूली बाद में नए व्यक्ति से ही की जाती है। वहीं ये राशि नहीं जमा करने पर उस मकान अथवा जमीन पर किसी के भी नाम से मीटर अलॉट नहीं होता है। कई बार तो बिल्डिर द्वारा मकान बनाने के लिए प्लाट पर अस्थाई मीटर उतारे जाते है, लेकिन बिल का भुगतान नहीं किया जाता है। जो बाद में मकान मालिक के नाम से चढ़ जाता है। ऐसे में वह व्यक्ति कार्रवाई के दायरे में फंस कर डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है।
नई विकसित कॉलोनियों में ऐसे मामले कई बार सामने आ चुके है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा मकान या भवन खरीदा जाता है, जहां पहले से कनेक्शन हो तो ऐसी स्थिति में खरीदी-बिक्री के समय एनओसी लेनी चाहिए, जिससे बाद में दिक्कत न हो।
राजेश हारोड़े, कार्यपालन यंत्री
बिजली कंपनी