दशहरा पर्व पर नए शहर में निकली बाबा महाकाल की सवारी

विजया दशमी के अवसर पर (2 अक्टूबर) गुरुवार को शाम चार बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी नए शहर के भ्रमण के लिए रवाना हुई। चांदी की पालकी में विराजित भगवान महाकाल राजसी वैभव के साथ दशहरा मैदान पहुंचे, जहां शमी पूजन के बाद सवारी वापस मंदिर लौटी ।
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दशहरा पर्व पर साल में एक बार राजाधिराज श्री महाकाल नए शहर में प्रजा को दर्शन देने के लिए आते हैं। गुरुवार शाम चार बजे मंदिर के सभा मंडप में कलेक्टर रौशन कुमार सिंह और मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने पूजन किया।
पूजन-अर्चन के बाद सवारी दशहरा मैदान के लिए रवाना हुई। मंदिर परिसर के बाहर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने राजाधिराज महाकाल को सलामी दी। सवारी में पुलिस बैंड, पुलिस घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस के जवान, मंदिर के पंडे-पुजारी, अधिकारी-कर्मचारी और भक्त शामिल थे।सवारी शहर के विभिन्न मार्गों से होकर दशहरा मैदान पहुंची। यहां रावण दहन से पूर्व बाबा महाकाल का विधि-विधान से पूजन कर शमी वृक्ष का पूजन संपन्न हुआ । शमी पूजन के बाद सवारी पुनः मंदिर के लिए रवाना हुई ।
बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत करने के लिए पूरे शहर में मंच बनाकर पुष्प वर्षा की गई। सवारी के आने और वापसी का मार्ग लगभग 19 किलोमीटर का है।श्री महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी महाकाल घाटी, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छोटा सराफा, सती गेट, कंठाल, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा होती हुई देवास गेट, चामुंडा माता चौराहा से ओवरब्रिज होते हुए, फ्रीगंज टावर चौक, माधव नगर चिकित्सालय के सामने पुलिस कंट्रोल रूम होकर दशहरा मैदान पहुंची ।
पूजन के बाद सवारी वापसी में दशहरा मैदान से श्रीगंगा होटल के समीप वाले मार्ग से देवास रोड के रास्ते, तीन बत्ती चौराहा से माधव क्लब रोड होते हुए धन्नालाल की चाल से लोक निर्माण विभाग कार्यालय के पास से फ्रीगंज ओवरब्रिज उतरकर संख्याराजे धर्मशाला के सामने से होकर देवास गेट, मालीपुरा, दौलतगंज चौराहा, इंदौर गेट, गदापुलिया, हरिफाटक ओवरब्रिज, बेगमबाग से कोट मोहल्ला चौराहे के रास्ते पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची ।