भक्तों में उत्साह, मनमहेश रूप में दर्शन दिए
उज्जैन।श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी शाही ठाठ बाट के साथ निकाली गई। रजत पालकी में बाबा ने मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन दिए। एक झलक पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सवारी निकलने से पहले ही मार्ग के दोनों ओर लोग जमा हो गए थे।
शाम 4बजे मंदिर से पालकी निकली। इसके पूर्व परंपरा अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह ने सभा मंडप में भगवान का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना हो गई।
महाकाल मंदिर से सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां पर पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक व पूजन-अर्चन किया।
पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिकचौक, जगदीश मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। यहां हरि व हर का मिलन हुआ तथा गोपाल मंदिर के पुजारी ने भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की। इसके बाद पालकी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंची।
दो साल बाद परंपरागत मार्ग से निकाली सवारी
दो साल बाद बाबा अपने भक्तों का हाल जानने परंपरागत मार्ग से निकले। कोरोना के कारण पिछले दो साल से सवारी को बदले हुए मार्ग से निकाला गया था। मंदिर के सामने मुख्य मार्ग से शिप्रा तट तक संपूर्ण सवारी मार्ग पर पुख्ता बैरिकेडिंग की गई थी। इससे सवारी को निकलने में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हुआ। कुछ लोग बेरिकैड्स को लांघ कर सवारी के कारवां में घुसने का प्रयास कर रहे थे, उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने बाहर खदेड़ा।
कई जगह पर भीड़ का दबाव बना रहा। कई जगह पर धक्कामुक्की भी होती रही। सवारी के गुदरी चौराहा पहुंचने पर मंदिर के मुख्य मार्ग के सामने खड़े श्रद्धालु लौटने लगे। महाकाल घाटी पर तैनात पुलिस जवानों ने कोटमोहल्ला की ओर लगे बैरिकेड्स हटाकर लोगों को निकालने का प्रयास किया। इस दौरान तोपखाना की ओर से आ रही भीड़ ने अंदर आने का प्रयास किया जवानों ने बलपूर्वक लोगों को हटाया। इसके अलावा रामानुजकोट के सामने भी हमेशा की तरह भीड़ के कारण परेशानी हुई।
नवनिर्वाचित महापौर टटवाल ने भी किए दर्शन
रिमझिम बारिश के बीच रामघाट पर विधि-विधान से बाबा महाकाल की पालकी का पूजन हुआ और मनमहेश का जलाभिषेक किया गया। पूजन पुजारी पं.आशीष गुरू एवं अन्य पुरोहितों ने करवाया। इस अवसर पर नवनिर्वाचित महापौर मुकेश टटवाल, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, एडीएम संतोष टैगोर आदि मौजूद थे।
उज्जैन। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को परंपरानुसार निकलने वाली बाबा महाकालेश्वर की पहली सवारी आज से शुरू हो रही है। कोरोनाकाल के बाद पहली बार भगवान महाकाल की सवारी पूर्व की तरह निर्धारित मार्गों से गुजरेगी।
सवारी के दौरान भीड प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 600 से अधिक पुलिस अफसरों और जवानों को तैनात किया गया है।
जिले के थानों के अलावा इंदौर, देवास, शाजापुर, जावरा, मंदसौर से भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स सवारी मार्ग पर तैनात रहेगा। महाकालेश्वर मंदिर, रामघाट, छत्रीचौक और गोपाल मंदिर पर एएसपी स्तर के अफसर व्यवस्था संभालेंगे। इनके सहयोग में सीएसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी रहेंगे। सवारी मार्ग में आने वाले प्रमुख चौराहों और कट चौराहों पर एसआई स्तर के अफसरों के साथ पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है जो भीड प्रबंधन का काम देखेंगे।
12 बजे चारधाम पर ब्रीफिग…सवारी व्यवस्था में लगे पुलिस अफसरों और जवानों को दोपहर 12 बजे चारधाम मंदिर पर एकत्रित होने के निर्देश दिये गये हैं जहां पर अफसरों द्वारा ड्यूटी के दौरान भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
श्रावण का पहला सोमवार बाबा के दरबार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़…
उज्जैन। श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए देशभर से भक्तों की भीड़ उमड़ रही हैं। रात से ही बारिश हो रही हैं। भीगते हुए हजारों भक्त बाबा के दर्शनों के लिए लंबी कतार में लगे रहे। चलित भस्मारती में भी हजारों भक्त दर्शन करने पहुंचे।
श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा के दर्शन के लिए रविवार से ही लोग धार्मिक नगरी पहुंचने लगे थे। मंदिर समिति ने श्रावण मास में गर्भगृह व नंदी हाल में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया है।
भक्तों को गणेश मंडपम से भगवान के दर्शन कराए जा रहे हैं। समिति द्वारा चारधाम मंदिर के सामने से दर्शनों के लिए कतार लगाई जा रही है लेकिन भीड़ अधिक होने से कतार इससे आगे तक पहुंंच गई। बारिश के कारण लोग भीगते हुए कतार में लगे रहे। हालांकि मंदिर समिति द्वारा शेड लगाए गए हैं। लेकिन शेड के बाहर तक कतार पहुंच गई थी।
इन मार्ग से निकलेगी सवारी
बाबा की पालकी मंदिर से महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से रामघाट पहुंचेगी। यहां पावन शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर के आसपास लगा मेला
कल से ही बाहर से बड़ी संख्या में लोग उज्जैन आ रहे हैं। इस कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी भीड़ रही है। इधर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में भी लोगों की भीड़ नजर आ रही हैं। वहीं कई लोग पावन शिप्रा में स्नान के लिए भी पहुंचे।
दूसरी सवारी 25 जुलाई को: पालकी में श्री चंद्रमाैलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे।
तीसरी सवारी 1 अगस्त को: पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप विराजित होंगे।
चौथी सवारी 8 अगस्त को: पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप और नंदी रथ पर उमा-महेश विराजित होंगे।
पांचवीं सवारी 15 अगस्त को: पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव स्वरूप, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा।
छठी शाही सवारी 22 अगस्त को निकलेगी।