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बैंक मैनेजर और प्रापर्टी डीलर चार करोड़ रुपए की ठगी में पकड़ाए, खाते में करोड़ों का लेनदेन

इंदौर के पूर्व मेडिकल ऑफिसर को डिजिटल अरेस्ट कर ले रहे थे रुपए, तीसरा साथी भोपाल का

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इंदौर के पूर्व मेडिकल ऑफिसर को डिजिटल अरेस्ट कर 4.32 करोड़ रुपए की ठगी करने के आरोप में दो युवक को उज्जैन व एक को भोंपाल से पुलिस ने पकड़ा है। इनमें से एक उज्जैन में बैंक मैनेजर है और दूसरा प्रॉपर्टी व्यवसायी है। शुक्रवार शाम को इंदौर की सायबर सेल ने एक बड़े डिजिटल अरेस्ट का खुलासा करते हुए 3 अकाउंट होल्डरों को गिरफ्तार किया है।

इनके बैंक खाते में डिजिटल अरेस्ट की राशि ट्रांसफर की गई थी। इंदौर के रिटायर्ड मेडिकल ऑफिसर के साथ 4 करोड़ 32 लाख की ठगी हुई थी। जिसमें साइबर सेल ने आरोपी सादिक पिता एहसान पटेल निवासी ग्राम पंथमुंडला थाना विजयागंज जिला देवास, शाहिद खान पिता सैफुद्दीन खान निवासी 40 क्वाटर्स जानसापुरा उज्जैन और सोहेल पिता मोहम्मद इकबाल निवासी हरमाला रोड रतलाम को गिरफ्तार किया है। सोहेल फिलहाल अशोका गार्डन भोपाल में किराए से रह रहा था।

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इन्होंने रिटायर्ड मेडिकल अफसर जो अपनी पत्नी के साथ रहते हैं और बेटा विदेश में है, के साथ यह वारदात की। स्वयं को टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी का अधिकारी बताकर बातचीत की और कहा कि वे 2 मोबाइल नंबरों का आपराधिक गतिविधि में उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई में हुए 538 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए नरेश गोयल के साथ इन्हें जोड़ते हुए लगातार कमीशन लेने की बात की।

इन्होंने रिटायर्ड अफसर को ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया और वीडियो कॉल पर कोर्ट रूम दिखाकर इनकी संपत्ति की जानकारी ली और जुर्माने के बतौर इनसे अलग-अलग खातों में रुपए डलवाते रहे। छह दिनों में इनके खाते में 4.32 करोड़ रुपए डाले गए। इसके बाद भी बदमाशों ने और रुपए रुपए मांगे तो रिटायर्ड अपनी एफडी तुड़वाने बैंक चले गए। वहां बातों की बातों में बैंक अधिकारी को शंका हुई और उन्होंने साइबर क्राइम को घटना की सूचना दे दी। साइकर क्राइम ने बैंक खातों के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ की है।

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बैंक मैनेजर है सादिक और शाहिद प्रापर्टी ब्रोकर, उधारी पर दिए थे बैंक अकाउंट

अक्षरविश्व को मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी सादिक पिता अहसान पटेल निवासी विजयागंज मंडी (ग्राम पंथमूंडला) उज्जैन में सीएफसी बैंक में मैनेजर है। फ्रीगंज में बैंक की ब्रांच है और यह गोल्ड लोन में डील करती है। बैंकों से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सादिक पिछले करीब एक सप्ताह से गायब था। जब बैंक को इस घटना की जानकारी लगी तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया। वहीं दूसरा आरोपी शाहिद खान हेलावाड़ी जानसापुरा में रहता है। परिजन व रिश्तेदार नगर निगम में सफाई कर्मचारी हैं। खुद प्रापर्टी का काम करता है और अकसर मदीना मस्जिद के पास घूमता दिखाई देता है।

सूत्रों का कहना है कि शाहिद के भतीजे ने अपने दोस्त के लिए शाहिद के खातों को किराए पर लिया था। जब इसमें लाखों-करोड़ों के लेनदेन हुए और बैंक खाता सीज हुआ तो शाहिद ने पुलिस को इसकी सूचना भी दी थी। जीवाजीगंज टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि शाहिद के खिलाफ जीवाजीगंज थाने में कोई अपराध दर्ज नहीं है। लेकिन उसके खाते में करोड़ों के लेनदेन के प्रमाण साइबर सेल को मिले हैं। इसी आधार पर कार्रवाई हुई है।

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