उज्जैन। भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरूप है श्रीमद् भागवत। जिस व्यक्ति को मृत्यु का डर हो वह व्यक्ति श्रीमद्भागवत का आश्रय लें। यह बात नागर धर्मशाला में प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन पं. सुनील कृष्ण व्यास ने कही। प्रथम दिन भागवतजी का महात्तम सुनाया। कथा के पूर्व नगर के मुख्य मार्गो से श्रीमद् भागवत की शोभायात्रा निकाली गई। कथा के जजमान सत्यनारायण राठौर ने धर्मप्रेमी बंधुओं से कथा में आने का अनुरोध किया है।

भागवत कथा के पहले निकली शोभायात्रा

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