प्रदेश में तबादलों का ब्लूप्रिंट जारी 30 मई तक यूं होंगे स्थानांतरण

सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव ने जारी की ट्रांसफर नीति
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40 फीसदी तक दिव्यांग कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं होगा
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। प्रदेश की तबादला नीति का ब्लूप्रिंट जारी हो गया है। इसके मुताबिक ३० मई तक तबादले हो सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव दिलीप कापसे ने यह प्रिंट जारी किया है। इसके मुताबिक यह नीति अखिल भारतीय सेवा, मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा, राज्य वनसेवा एवं मंत्रालय सेवा के अफसर एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी। विभाग अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार नीति के प्रावधानों के मुताबिक नीति बना सकेंगे। तबादला नीति से हटकर किए जाने वाले स्थानांतरण के मुख्यमंत्री के समन्वय आदेश हासिल करना जरूर होगा। नीति के मुताबिक जिला संवर्ग के कर्मचारी एवं राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का तबादला जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर कर सकेंगे। हालांकि आदेश विभागीय अफसर के हस्ताक्षर से जारी होगा।
अप्रैल के स्थानांतरण मामलों में सीएम का अनुमोदन जरूरी
1 से 30 अप्रैल के बीच जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला हो चुका है,उनका पुन:स्थानांतरण नहीं होगा। अगर जरूरत पड़ी तो ऐसे मामले में सीएम का अनुमोदन लेना जरूरी होगा।
जिले के भीतर एसपी प्रभारी मंत्री के परामर्श से डीएसपी और वरिष्ठ अफसरों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कर सकेंगे।
प्रतिबंध अवधि के बाद भी तबादले खास स्थितियों में हो सकेंगे। यह स्थितियां गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, लकवा, हार्टअटैक हो सकती हैं।
सरकारी कर्मचारी की गंभीर शिकायत होने पर भी तबादला होगा।
लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज होने पर भी स्थानांतरण होगा।
जिले में पद रिक्त होने पर भी तबादला हो सकेगा।
प्रतिबंध अवधि में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में फैसला प्रशासकीय विभाग करेगा।
यह भी है नीति में
स्थानांतरण से सबसे पहले पद एससी क्षेत्रों में भरे जाएंगे।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की पोस्टिंग जिले में सामान्य प्रशासन विभाग करेगा, लेकिन जिलों के अनुभाग में इनकी पोस्टिंग प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर कर सकेंगे।
स्थानांतरण में पहली प्राथमिकता उनकी रहेगी, जो तीन साल से एक ही जगह पर पदस्थ हैं।
प्रशासनिक तबादलों में पहले उनको स्थानांतरित किया जाएगा, जहां लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है।
स्वयं के व्यय पर होने वाले तबादलों का आदेश अलग से जारी होगा।
स्वेच्छिक तबादलों में उन कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने अपने लक्ष्यों को पूरा कर लिया है।
जिन कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवानिवृत्ति में एक साल का समय बाकी है, उनका तबादला नहीं किया जाएगा।
पति-पत्नी के स्वयं के व्यय पर एक साथ पदस्थापना के लिए तबादला किया जा सकेगा।
गंभीर बीमारों को नियमित जांच के लिए ऐसे सेंटर पर स्थानांतरित किया जा सकेगा, जहां जांच की सुविधा मौजूद हो।
40 फीसदी तक दिव्यांग कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
कार्यपालिक कर्मचारियों-अधिकारियों को उनके गृह जिले में पदस्थ नहीं किया जाएगा। हालंाकि अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यकता महिलाओं को इससे छूट रहेगी।
कृषि विकास संचालनालय और इंंजीनियिंग संचालनालय के तृतीय श्रेणी कार्यपालिक कर्मचारियों को उनके गृह तहसील, विकासखंड को छोडक़र गृह जिले में पदस्थ किया जा सकेगा।
क्रय, स्टोर, स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों को तीन साल की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में पदस्थ किया जाएगा।
जिस जिले में अधिकारी पदस्थ रह चुके हों, वहां उनकी पदस्थापना दोबारा नहीं होगी।