Breast feeding के दौरान महिलाओं को avoid करना चाहिए ये चीजें

अगर आप सी-फूड खाती हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए फिश आदि खाने से बचना चाहिए। एक धातु के रूप में, पारा बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। पारा के उच्च स्तर के लगातार संपर्क में आने से आपके बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। मां बनने के बाद एक स्त्री की जिम्मेदारियां बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। उसे अपने नवजात शिशु की हर जरूरत का ख्याल रखना होता है।
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खासतौर से, उसके बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्तनपान करवाना बेहद आवश्यक होता है। जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं, उनके लिए अपनी डाइट का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है। दरअसल, ऐसे कई फूड्स होते हैं, जिन्हें अगर स्त्री अपनी डाइट में शामिल करती है तो इससे बच्चे की सेहत पर भी विपरीत असर नजर आ सकता है। यह फूड्स बच्चे में एलर्जिक रिएक्शन की वजह भी बन सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें एक ब्रेस्टफीडिंग मदर को अवॉयड ही करना चाहिए-
सी-फूड के सेवन से बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता
अगर आप सी-फूड खाती हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए फिश आदि खाने से बचना चाहिए। एक धातु के रूप में, पारा बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। पारा के उच्च स्तर के लगातार संपर्क में आने से आपके बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे उनका विकास प्रभावित हो सकता है।
कॉफी और चॉकलेट में होता है कैफीन,इससे बनाकर रखें दूरी
कॉफी और चॉकलेट में कैफीन होता है, और इसलिए एक ब्रेस्टफीडिंग मदर को इसे ना ही लेने की सलाह दी जाती है। दरअसल, कैफीन स्तन के दूध में रिस सकता है और यह आपके बच्चे के शरीर तक पहुंच सकता है। इससे बच्चे को चिड़चिड़ापन और नींद के पैटर्न में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप इन दो खाद्य पदार्थों के बिना नहीं रह सकते हैं, तो उनका सेवन सीमित करने का प्रयास करें। मसलन, दिन में एक या दो कप से अधिक कॉफी ना लें। इसी तरह, चॉकलेट के एक या दो टुकड़े लेने से नुकसान नहीं होगा।
मसालेदार भोजन से करें परहेज वरना बच्चे को होगा पेट दर्द
स्तनपान के दौरान मसालेदार भोजन से भी बचना अच्छा माना जाता है। अगर आपके शिशु को बार-बार पेट में दर्द की शिकायत होती है या उसे हर बार दस्त लग जाते हैं, तो ऐसे में आपको अपने आहार में मसालों को थोड़ा बैलेंस करके खाना चाहिए। इसके अलावा केक, पेस्ट्री, व्हीप्ड क्रीम, पिज्जा, बर्गर और मार्जरीन जैसे खाद्य पदार्थ ट्रांस-फैट से भरपूर होते हैं। जब कुछ खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो डीएचए की मात्रा कम हो जाती है, जिससे शिशु के मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।