बेमौसम बारिश से ईंट भट्टों को नुकसान पहुंचा

शासन सहायता राशि उपलब्ध कराए, मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। गत दिवस बेमौसम की बारिश से र्इंट भट्टा कामगारों को काफी नुकसान हुआ है। खुले में पड़ी कच्ची ईंटों का स्टॉक पूरी तरह से नष्ट हो गया।

मध्यप्रदेश माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रजापति चौरासी संघ के अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने बताया कि जी-तोड़ मेहनत कर अपनी आजीविका चलाने वाला कुंभकार वर्ग एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोग भी इस कार्य में सम्मिलित है को आसमानी आफत यानि बेमौसम की बारिश एवं ओलावृष्टि से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उज्जैन नगर एवं उज्जैन कस्बा में संचालित ईट भट्टों को प्रति भट्टा लगभग एक से तीन लाख रुपए की आर्थिक हानि का अनुमान है।

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प्रजापति चौरासी संघ के कोषाध्यक्ष किशोर प्रजापति तनोडिय़ा ने बताया कि दीपावली के बाद आमतौर पर र्इंट भट्टा कार्य प्रारंभ किया जाता है। लेकिन विगत 27 दिसम्बर को हुई असमय की वर्षा से खुले में पड़ी कच्ची ईंटे पूरी तरह से नष्ट हो गई है साथ ही पथार (ईंट बनाने का स्थान) पर पानी भर जाने से आगामी 15-20 दिनों तक कार्य पूर्णत: बंद हो गया है।

महासचिव राधेश्याम प्रजापत ने बताया कि ईंट निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली कच्ची सामग्री के दाम भी दिन प्रतिदिन बढ़ रहेे है। जिससे उत्पादन लागत बढ़ गई है। इस संबंध में शासन, प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि किसानों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की भांति ही इस वर्ग को भी सहायता शासन द्वारा उपलब्ध करवाई जाए। ताकि शासकीय सहायता से इस वर्ग को कुछ राहत मिल सके। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अवगत करवाया जाएगा।

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