Advertisement

हाथ पर गुदा नाम भाई का था, परिवार का डीएनए सैंपल लिया जाएगा

मामला ट्रेन में अलग-अलग हिस्सों में मिली महिला की लाश का

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

पति से विवाद के बाद घर छोड़ दिया था

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:दो ट्रेन में अलग-अलग हिस्सों में मिली महिला की लाश के मामले में पुलिस को जांच में कई महत्पूर्ण जानकारियां मिल रही है। महिला के हाथ पर जो नाम लिखा मिला है, वह उसके भाई का नाम है। महिला की शिनाख्त करने वाली बहनों के हाथ पर भी यही नाम लिखा है।जीआरपी के मुताबिक पुलिस की टीम महिला के माता-पिता और बहनों से बात करने पहुंची। डीएनए सैंपल अभी नहीं लिए गए हैं।

Advertisement

इंदौर बुलाकर एक दो दिन में डीएनए सैंपल लिए जाएगा। डीएनए जांच के बाद पुष्टि हो सकेगी। दरअसल, इंदौर जीआरपी को 9 जून को यार्ड में खड़ी इंदौर-नागदा ट्रेन में एक महिला का शव मिला था। शव का बाकी का हिस्सा दो दिन बाद अन्य ट्रेन में मिला था। शव के हाथ पर मीराबेन गोपाल भाई का नाम गुदा मिला था।

इससे महिला के गुजराती होने की जानकारी मिली। पुलिस ने इसके बाद गुजरात और मप्र से सटे गुजरात के शहरों में गुमशुदा महिलाओं की जानकारी निकाली। रतलाम के पास के गांव में इस नाम की महिला की गुमशुदगी सामने आने के बाद पुलिस मृतका के घर तक पहुंच गई।

Advertisement

भाई के नाम की परंपरा
पुलिस के मुताबिक मीरा बाई आदिवासी समाज की है। समाज में बचपन में पिता या मां के बदले भाई का नाम हाथ पर लिखवाने का ट्रेंड है। मृतका मीरा बाई सहित छह बहनें हैं। एक और बहन के हाथ पर भी भाई का नाम लिखा है। पुलिस के मुताबिक उसका भी डीएनए सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी। ताकि यह पता लग सके की 6 जून को लापता हुई उक्त महिला मीरा बाई ही है।

पिता का मोबाइल, आधार, पास बुक व एक साड़ी साथ ले गई थी

शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस अब उसकी बहन और परिचितों से पूछताछ कर रही है। जिस दिन वह घर से निकली थी, उसके बाद उसने राशन खरीदा, लेकिन राशन घर नहीं लाई। तभी से वह लापता थी। यह भी शंका है कि वह घर से दो-तीन किमी दूर से गुजरने वाले हाईवे से ही घटनास्थल जाने के लिए निकली होगी। मामले में महिला की बहन यशोदा, परिचित लखन और रामलाल व एक महिला से पूछताछ की जा रही है।

लोगों ने बताया कि लखन और रामलाल से मृतका की बातचीत थी। इधर, जब वह घर से जा रही थी तो बड़ी बेटी ने थैली में साड़ी रखते हुए देखा था। उसने यह बात पिता को भी बताई थी। पिता ने सोचा मीरा मायके जा रही होगी। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार मीरा 6 जून को घर से राशन कार्ड, आधार, बैंक पासबुक और पिता का मोबाइल लेकर निकली थी। अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। उसने पहले कंट्रोल से राशन लिया।

11.09 बजे वहां पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाया फिर चली गई। इससे माना जा रहा है कि वह घर से जाने का मन बनाकर ही निकली थी। मीरा घर नहीं आई। माना जा रहा है कि उसने गांव में किसी दुकान पर राशन बेच दिया होगा।मीरा के घर से 2-3 किमी दूर नीमच-मंदसौर-रतलाम हाईवे है। पुलिस का मानना है वह इसी हाईवे से किसी के साथ निकली होगी। उसकी हत्या 6-7 जून के दरमियां हुई है। फिर 8 जून को उसका शव नागदा-महू ट्रेन में चढ़ाया गया होगा। इधर, पुलिस उज्जैन के रेलवे स्टेशन से भोपाल दाहोद जाने वाली ट्रेन के यात्रियों की डिटेल खंगाल रही है।

Related Articles