चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने से 8 दिनों की होगी नवरात्रि
उज्जैन। मां शक्ति की भक्ति के पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत ३० मार्च से होगी। चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने से इस बार नवरात्रि ९ दिनों की बजाय ८ दिनों की होगी। नवरात्रि के दिन मां शक्ति के उपासना के लिए बेहद खास होते हैं इसलिए सर्वार्थ सिद्धि योग में मां दुर्गा के ९ रूपों की आराधना की जाएगी।
दरअसल, सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। सालभर में दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि सहित ४ नवरात्रि मनाई जाती है। माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। इसमें मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए १० महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जबकि चैत्र माह की नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के ९ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। अंतिम दिन कन्याओं को भोजन कराकर मां का आशीर्वाद लिया जाता है।
2 अप्रैल को चतुर्थी-पंचमी:
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ३० मार्च को घटस्थापना के साथ नवरात्रि महापर्व की शुरुआत होगी। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। पंचांग के अनुसार इस बार नवरात्रि ९ की बजाय ८ दिन की होगी। २ अप्रैल को चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने से ऐसा होगा। इधर, नवरात्रि पर्व को देखते हुए शहर के विभिन्न दैवीय मंदिरों में साफ-सफाई और रंगरोगन सहित अन्य तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मंदिरों में होंगे धार्मिक अनुष्ठान: चैत्र नवरात्रि के दौरान घटस्थापना के साथ ही शहर के सभी दैवीय मंदिरों में हवन, यज्ञ के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होंगे। मां के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। इसके अलावा उपवास रखकर मां की आराधना की जाएगी। रामनवमी पर जगह-जगह कन्याभोज के आयोजन किए जाएंगे।
अघ्र्य देकर करेंगे हिंदू नववर्ष का स्वागत : ३० मार्च से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। अलसुबह सूर्य को अघ्र्य देकर शंख ध्वनि के बीच नए साल का स्वागत किया जाएगा। साथ ही महाराष्ट्रीय समाज का प्रमुख पर्व गुड़ीपड़वा भी मनाया जाएगा। इस दिन महाराष्ट्रीयन परिवारों में सुबह गुड़ी सजाकर उसकी पूजा की जाएगी और पूरनपोली, श्रीखंड-पूरी सहित अन्य व्यंजन बनाए जाएंगे।