चरक अस्पताल की टाइल्स उखड़कर टूटने लगी, सीढ़ियों पर लोग करने लगे गंदगी

उज्जैन। करोड़ों रुपए की लागत से बने चरक अस्पताल भवन को शासन द्वारा मरीजों व उनके परिजनों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार कराया गया था लेकिन अब जिला चिकित्सालय के वार्डों को चरक अस्पताल में शिफ्ट करने के बाद अस्पताल भवन में अव्यवस्थाएं भी व्याप्त हो गई हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

6 मंजिला चरक अस्पताल भवन की 5 मंजिलों तक जिला चिकित्सालय के वार्डों के अलावा मातृ एवं शिशु रोग विभाग और वार्ड संचालित हो रहे हैं। यहीं पर एक्सरे, सोनोग्राफी, डॉक्टर्स की ओपीडी, दवा वितरण केन्द्र भी संचालित किए जा रहे हैं इस कारण मरीजों और उनके परिजनों की संख्या दो गुना से अधिक हो गई है।

भीड़ प्रबंधन और अस्पताल की सफाई व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा की कमी भी है। स्थिति यह है कि चरक अस्पताल परिसर व प्रथम तल पर प्रायवेट एजेंसी के गार्ड नजर आते हैं जबकि वार्ड में किसी भी सुरक्षाकर्मी की तैनाती नहीं है। मरीजों और उनके परिजनों का 24 घंटे आवागमन लगा रहने के कारण स्टाफ की कमी बनी हुई है।

मेंटेनेंस का अभाव

चरक अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर लगी फ्लोरिंग की टाइल्स टूट चुकी हैं। दीवारों पर लगाई गई टाइल्स भी टूटकर गिर गई। रेम्प वाले रास्ते की अधिकांश टाइल्स टूटी हैं।

मरीजों के साथ आने वाले परिजन चढ़ाव और रेम्प के रास्ते पर गुटखा पाउच खाकर थूक रहे हैं। जिला चिकित्सालय यहां शिफ्ट होने के कुछ दिनों बाद अस्पताल के अफसरों द्वारा इंट्री गेट पर सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। उनके द्वारा लोगों की चेकिंग कर बीड़ी, सिगरेट, गुटखा पाउच एक बॉक्स में रखवाए जाते थे। वर्तमान में यह व्यवस्था भी बंद हो चुकी है।

यहां-वहां पड़े पलंग और कुर्सियां

अस्पताल की अलग-अलग मंजिल पर जिला चिकित्सालय से आए पलंग और कुर्सियां परिसर में ही पड़े हैं। इन्हें स्टोर रूम अथवा सुरक्षित स्थानों पर नहीं रखा गया है। खास बात यह कि 6 टी मंजिल पर दर्जनों की संख्या में टूटी कुर्सियां पड़ी हैं।

Related Articles