उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा की

सिंहस्थ की तैयारी बेहतर चल रही है इसे विश्वस्तरीय बनाएंगे: सीएम

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सिंहस्थ में कैंप के लिए भारतीय सेना को भी जगह देंगे

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ उज्जैन का नहीं विश्व का है और इसे विश्वस्तरीय बनाने के पूरे प्रयास सरकार कर रही है। सिंहस्थ के कई काम शुरू हो गए हैं और इनकी लगातार समीक्षा की जा रही है। सीएम सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा के बाद सोमवार को मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रहे थे।

इससे पहले विक्रमादित्य संकुल भवन में उन्होंने उज्जैन-इंदौर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर बात की। सीएम ने कहा कि सिंहस्थ 2028 को लेकर अलग-अलग विभागों द्वारा विभिन्न स्तरों पर बड़ी मंजूरियां दी गई हैं। उज्जैन, इंदौर संभाग और मालवा के सभी जिलों को सिंहस्थ का क्षेत्र मानते हुए कार्य योजनाएं बनाई गई हैं। यह आयोजन सिर्फ मध्यप्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की शान है। ऐसे में इसके लिए ठोस और दूरदर्शी प्लानिंग बेहद जरूरी है।

 

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जरूरी कामों की मंजूरी तत्काल दी जा रही है। भोपाल स्तर से भी मंजूरी का काम तेजी से चल रहा है। आज की समीक्षा में कई प्रोजेक्ट की गति बेहतर मिली है। कुछ में और काम करने की जरूरत है। यह अफसरों को बता दिया है।

वह इसकी तैयारी कर रहे हैं। मोटे तौर पर सरकार का फोकस सिंहस्थ के लिए बुनियादी सुविधा जुटाने पर है। इसमें बेहतर इंस्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत सडक़ें, ब्रिजेस के काम तेजी से किए जा रहे है। कोशिश है कि यह सारे काम 2028 में ही पूरे हो जाएंगे, ताकि अंतिम समय में भागमभाग नहीं रहे। सिंहस्थ 2028 में कैंप के लिए भारतीय सेना को भी जगह दी जाएगी।

रेलवे ट्रेक के पैरेलल बनेगा बायपास

सिंहस्थ में यातायात का दबाव सडक़ के साथ रेलवे पर भी काफी रहेगा। इसके चलते उज्जैन से गुजरने वाले रेलवे रेलवे ट्रेक के समांतर बायपास बनाया जाएगा। इससे रेल के जरिए सिंहस्थ में आने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी और वह आसानी से मेला क्षेत्र में जा सकेंगे।

दो एलिवेटेड कॉरिडोर

यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दो एलिवेटेड कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे। यह मकोडिय़ाआम से हरिफाटक और इंदौर गेट से निकास चौराहा तक बनेंगे। फिलहाल इनकी सैद्धांतिक स्वीकृति हो गई है। तकनीकी स्वीकृति भी जल्द ही हो जाएगी।

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