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दोपहर में शामिल होंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव, वन टू वन करेंगे चर्चा

उज्जैन को स्पिरिचुअल सिटी बनाने के लिए वेलनेस शिखर सम्मेलन शुरू

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। बाबा महाकाल, गुरु सांदीपनि, साधक राजा भर्तृहरि और विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन को स्पिरिचुअल सिटी बनाने की प्रोसेस ने गति पकड़ ली है। इसी कड़ी में उज्जैन में हो रहे स्पिरिचुअल और वेलनेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए देशभर से लोग पहुंच चुके हैं। होटल अंजुश्री में होने वाले आयोजन में सीएम डॉ. मोहन यादव भी शिरकत करेंगे, वह वन टू वन मीटिंग करेंगे।

 

समिट में सॉलिटियर ग्रुप के मयंक जायसवाल, लीश्योर होटल्स ग्रुप के मुकुंद प्रसाद, परमार्थ निकेतन आश्रम के स्वामी चिंदानंद सरस्वती, कैवल्यधाम के मयंक लूनावत, हार्टफुलनेस इंटरफेद प्रोग्राम्स एंड इवेंटस के स्वामी त्रिलोचन चावला, एवीएन आरोग्य आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के रमेश राघव वारियर, करेली सेंटर्स की मोना वालिया, योगा निसर्ग के स्वामी चैतन्य हरि, ओलो आयुर्वेद के मेघा केएल, स्वास्तिक वेलबीइंग के विवेक मालपानी कलारीग्राम के रामेसन एम शिरकत कर रहे हैं।

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इरा इवेंटस एंड हॉस्पिलिटी के शिवेंद्रसिंह, यूके के ट्रेवलपार्क के अशोक पटेल, ऑनरी काउंसल टीप द नीदरलैंड इन यूपी के शरद थड़ासनी, आगमन इंडिया दिल्ली संजय चोकर, फिटनेस एक्सपर्ट के विजय दिनेश ठक्कर, क्लियर मेडी हेल्थकेयर के नवनीत बाली, आत्ममंथन के निखिल कपूर, संगतगीरी आश्रम के स्वामी चितासुधन जेना, शतायु आयुर्वेद योगा रिट्रीट के मृत्युजंय स्वामी, जिवाया वेलनेस की डॉ. मेघा गर्ग, कुंभ विलेज के संजय श्रीवास्तव, कुंभ कैनवास, लल्लूजी एंड संस के गोपाल हरि मिश्रा, माय डिजीरिकॉर्ड की डॉ. सरोज गुप्ता, निपर अहमदाबाद के शैलेंद्र सरार्फ, अर्बन निर्वाण के राहुल लड्ढ़ा, द कन्वर्जन फाउंडेशन के शरत चंद्र, सीएचएल हॉस्पिटल ग्रुप के राजुल भार्गव, रॉयल आर्चिड होटल्स के सुदीप राय, मेड आयु हेल्थकेयर के डॉ. वेदप्रकाश गोहकर, अभिषेक तिवारी, विटेलिटी के क्रमश चौधरी और आईआईएम के हिमांशु राय के शामिल होने की संभावना है।

उज्जैन में स्थायी कुंभनगरी से बढ़ेगा निवेश
उज्जैन में स्थायी रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोहन सरकार का फोकस स्थायी कुंभनगरी बनाने पर है। इसी कड़ी में स्पिरिचुअल और वेलनेस शिखर सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन में शिरकत कर रहे संस्थान अगर उज्जैन में भी अपने केंद्र स्थापित करते हैं तो शहर में अध्यात्म, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा जैसे नए क्षेत्र विकसित होंगे। इनसे पर्यटन बढ़ेगा और नई तरह के रोजगार सृजित होंगे। नए रोजगार सृजित होने का फायदा शहर के हर नागरिक को मिलेगा।

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