सीएम का फैसला, विक्रमादित्य के नाम से न्याय क्षेत्र में मिलेगा पुरस्कार

विक्रमोत्सव : महाशिवरात्रि से गंगा दशहरा तक, कार्यक्रम और योजना की रूपरेखा पर विचार
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विक्रमोत्सव 26 फरवरी से 5 जून 2025 की अवधि में महाशिवरात्रि से गंगा दशहरा तक उज्जैन में आयोजित होगा। इस अवसर पर न्याय क्षेत्र में उतकृष्ठता के लिए पहली बार विक्रमादित्य के नाम से पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल में विक्रमोत्सव-2025 की रूपरेखा पर मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि महाराजा विक्रमादित्य के नाम से न्याय के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक पुरस्कार प्रारंभ किया जाएगा।

महाराजा विक्रमादित्य ने दानशीलता, वीरता, सुशासन और न्यायप्रियता के अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किए थे। इसलिए न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्व सम्मानित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव 26 फरवरी से 5 जून 2025 की अवधि में (महाशिवरात्रि से गंगा दशहरा तक) आयोजित होगा।
बैठक में बताया गया कि कोलकाता की निजी संस्था द्वारा विक्रमोत्सव-2024 को एशिया के सबसे लंबी अवधि (बिगेस्ट इवेंट अवार्ड) तक चलने वाले आयोजन के रूप में पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। नेपाल जैसे राष्ट्र में विक्रम संवत से कैलेंडर प्रचलन में है। सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन और अन्य महत्वपूर्ण पक्षों की जानकारी पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की जाए।
मूर्तिकारों को प्रोत्साहित, सम्मानित किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में पत्थर से प्रतिमाएं तैयार करने के कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा मूर्तिकारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने का कार्य किया जाए। बैठक में बताया गया वर्ष 2025 के विक्रमोत्सव में जिलों में पर्यावरण, जलीय संरचनाओं के संरक्षण और संवर्धन की गतिविधियों, विक्रमोत्सव जल गंगा संवर्धन अभियान, सांगीतिक प्रस्तुति, सूर्य उपासना, महाकाल शिवज्योति अर्पणम् की रूपरेखा तैयार की गई है।








