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कलेक्टर ने माता को लगाया मदिरा का भोग

महाअष्टमी पर नगर पूजा : शहर में विराजित प्राचीन देवी-देवताओं की पूजा के लिए 27 किमी लंबी यात्रा शुरू

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कलेक्टर-एसपी ने की नगर पूजा

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी पर मंगलवार सुबह चौबीस खंभा स्थित देवी महामाया और महालया के पूजन के साथ शासकीय नगर पूजा प्रारंभ हुई। कलेक्टर ने पूजन प्रारंभ किया। इस दौरान माता को मदिरा का भोग लगाया गया।

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शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर मंगलवार सुबह पारंपरिक रूप से शासकीय नगर पूजा हुई। कलेक्टर रौशन सिंह ने चौबीस खंबा माता मंदिर में महामाया और महालया माता को मदिरा का भोग लगाकर पारंपरिक पूजन किया। इसके बाद कलेक्टर की अगुवाई में एसपी प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ अधिकारी, एक दर्जन से अधिक पटवारी, कोटवार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी और श्रद्धालु सडक़ पर मदिरा की धार लगाते हुए 27 किलोमीटर तक पैदल यात्रा पर निकले।

इस दौरान वे नगर के करीब 40 प्राचीन मंदिरों में विराजित देवी-देवताओं का विधानपूर्वक पूजन करेंगे। सुबह चौबीस खंबा मंदिर में नगर पूजा की शुरुआत हुई, जो रात करीब 8 बजे हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर समाप्त होगी। इस दौरान नगर के देवी, भैरव और हनुमान मंदिरों में पूजन-अर्चन होगी। नगर पूजा में माता से नगर की सुख-समृद्धि और प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा की कामना की जाती है। नगर पूजा की यह परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। इसके लिए आबकारी विभाग शराब की 31 बोतल उपलब्ध कराता है।

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दोपहर में हरसिद्धि माता मंदिर पर पूजन: महाअष्टमी पर दोपहर 12 बजे शक्तिपीठ मां हरसिद्धि मंदिर पर भी शासकीय पूजा की गई। कलेक्टर व अन्य अधिकारियों ने माता को श्रृंगार सामग्री अर्पित कर पूजन किया।

इन 40 मंदिरों में होती है पूजा

चौबीस खंबा मंदिर (चौबीस मातृका), चामुण्डा माता, महालया मंदिर, पदमावती माता, अर्द्धकाल भैरव, देवास गेट भैरव मंदिर, इंदौर गेट वाली माता, कालिका माता- (दक्षिण दिशा महाकाली), ठोकरिया भैरव, खूंटपाल देव भैरव, खूंटदेव भैरव (हरिफाटक ओवर ब्रिज के कोने पर), चौसठ योगिनी मंदिर, खूंटदेव भैरव, भैरव मंदिर खूंटपाल, इच्छामन माता, खूंट देव भैरव, भूखी माता, लाल बाई, सती माता, फूल बाई, खूंटदेव भैरव, शतचण्डी देवी (शांभवी माता), कोयला मसानी भैरव, शतचण्डी (वैष्णव देवी), गणगौर माता (गणगौर दरवाजा के द्वार पर), शतचण्डी (दुर्गा कॉलोनी), गणगौर माता- (गणगौर दरवाजा के उत्तर में), राम केवट हनुमान, श्मशान भैरव, खूटपाल भैरव, सत्ता देव, नगरकोट की महारानी, आशा माता, मां नाकेवाली दुर्गा मंदिर, आज्ञा वीर बेताल भैरव, खूंटपाल भैरव, खूंटदेव भूतनाथ, बटुक भैरव, गढक़ालिका, बिजासन मंदिर, हांडीफोड़ भैरव (यहां पूजन समाप्त होगी)।

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