Advertisement

कलेक्टर का एक्शन, अस्पताल की खामियों पर फटकार

लेट आने पर डॉ. रत्नाकर को डांटा, डॉ. अग्रवाल का वेतन काटा जाएगा

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सोमवार को चरक अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर एक्शन में नजर आए। उन्होंने अस्पताल में मिली खामियों के लिए आरएमओ को फटकार लगाई तो दो डॉक्टरों के मौजूद नहीं होने पर एक का वेतन काटने के निर्देश दिए तो दूसरे को हिदायत देकर छोड़ दिया। इस दौरान इलाज के लिए परेशान हो रहे मरीजों ने कलेक्टर को शिकायत भी की जिसके बाद कलेक्टर ने अन्य मरीजों से भी चर्चा की और पूछा कि इलाज सही से मिल रहा है या नहीं।

दरअसल, सुबह करीब 10 बजे कलेक्टर रौशन कुमार सिंह चरक अस्पताल पहुंचे थे। उनके साथ जिला पंचायत सीईओ श्रेयांस कुमट भी थे। उन्होंने इंजेक्शन रूम, ईएनटी ओपीडी, सर्जरी ओपीडी, आएमओ कार्यालय सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। ईएनटी वार्ड में डॉ. बीआर रत्नाकर की ड्यूटी थी। उन्हें सुबह 9 बजे पहुंचना था लेकिन वह 10 बजे के बाद भी नहीं पहुंचे थे। इस पर वहां मौजूद स्टॉफ से कलेक्टर ने उनके ना आने का कारण पूछा लेकिन कोई संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने डॉ. रत्नाकर को स्टॉफ से ही फोन लगवाया लेकिन उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया।

Advertisement

इसके करीब 10 से 15 मिनट बाद डॉ. रत्नाकर पहुंचे तो कलेक्टर ने पूछा आप कहां थे, इस पर डॉक्टर बोले कि गाड़ी खराब हो गई थी इसलिए आज पहली बार लेट हो गया। मेरा रिकॉर्ड भी मेंटेन है। इस पर कलेक्टर ने उन्हें रिकॉर्ड लाने को कहा और फिर उसे चैक करते हुए हिदायत दी कि सोमवार के दिन आप कैसे नदारद हो सकते हैं, भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके बाद 17 नंबर ओपीडी में डॉ. अंबुज अग्रवाल भी नदारद मिले। पूछने पर पता चला वे भी नहीं आए हैं।

इस पर कलेक्टर नाराज हो गए और उनका एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां मौजूद अन्य डॉक्टर और स्टॉफ से कहा कि डॉ. अग्रवाल को समय पर नियमित आने के लिए कहें वरना भविष्य में गंभीर परिणाम के लिए भी वे तैयार रहें। उन्होंने अस्पताल में मिली खामियों के लिए आरएमओ डॉ. चिन्मय चिंचोलीकर को डांटते हुए कहा कि आपके होते हुए यह सब हो रहा है तो आप क्या देख रहे हैं। इस दौरान आएमओ कार्यालय के सामने से गुजरने के दौरान कलेक्टर को सीढ़ी नजर आई, इस पर कलेक्टर बोले आपके ही ऑफिस के ऐसे हाल हैं, इसे हटवाएं।

Advertisement

यह भी दिए निर्देश

 कलेक्टर ने दवाई और जांच के लिए लाइन लगाकर खड़े मरीजों के लिए कुर्सी लगवाने के निर्देश दिए।

 इंजेक्शन रूम के बाहर एक व्यक्ति को खड़ा करने के निर्देश दिए जो पर्ची ले और मरीजों को बैठने को कहे जिससे भीड़ ना लगे।

लिफ्ट में रहने वाले कर्मचारी यूनिफॉर्म पहनें। किसी भी लिफ्ट में दो कर्मचारी ना रहे। जो लिफ्ट बंद है, उसे ठीक करवाएं और दो दिन के अंदर मुझे बताएं।

देर रात 2 बजे बच्चे को लेकर आया, सुबह भर्ती किया

पंवासा के विधायक नगर के रहने वाले अमर माली ने कलेक्टर को बच्चे के इलाज की शिकायत की। उसने बताया कि वह तीन माह के बेटे आयुष को सांस लेने में परेशानी के चलते रविवार-सोमवार की दरमियानी रात २ बजे चरक अस्पताल आया था लेकिन यहां पर्ची बनवाने को कहा गया। जब पर्ची बनवाने पहुंचा तो वहां एक शख्स सो रहा था, काफी जगाने पर भी वह नहीं जागा तब ड्यूटी डॉक्टर को बताया तो उन्होंने गार्ड को भेजा। गार्ड ने भी डंडे से दरवाजा पीटा लेकिन उसकी नींद नहीं खुली। इसके बाद डॉक्टर ने बच्चे को भांप देकर घर भेज दिया। सुबह लेकर आया तक उसे भर्ती किया है। इस पर कलेक्टर ने आरएमओ डॉ. चिंचोलीकर को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

मजबूरन निजी अस्पताल ले गया साहब : ई-रिक्शा चालक दिनेश द्विवेदी निवासी पीपलीनाका की पत्नी मधु की रविवार को पुष्पा मिशन अस्पताल में डिलेवरी हुई थी लेकिन बच्ची की तबीयत काफी खराब थी। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। दिनेश ने कलेक्टर को बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह बच्ची को लेकर चरक अस्पताल आया था लेकिन यहां बेड ही खाली नहीं था। इस पर वह वापस पुष्पा मिशन अस्पताल ले गया। इस पर कलेक्टर ने डॉ. निधि जैन से जानकारी लेते हुए कहा कि वह गंभीरता से इस मामले को देखें और बेड की व्यवस्था कर बच्ची को निजी अस्पताल से यहां शिफ्ट करें। उन्होंने हिदायत भी दी कि इस काम में किसी तरह की लापरवाही ना बरती जाए।

Related Articles