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दुर्लभ दर्शन के दावे से भ्रम की स्थिति

महादेव सभी भक्तों को देते हैं दर्शन लेकिन करीब का दावा सिर्फ वीआर करता है

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पहले भी पूजा अभिषेक बुकिंग  के कारण विवादों में आ चुकी है कंपनी

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमाए दुर्लभ दर्शन कंपनी सोशल मीडिया पर अपने विज्ञापनों के जरिए दर्शनार्थियों को भ्रमित कर रही है। कंपनी की रील में यह बताया जा रहा है कि वीआर के माध्यम से ही महादेव के नजदीक के दर्शन हो सकते हैं और वीआर के जरिए दुर्लभ दर्शन किए बिना आपकी यात्रा अधूरी है।

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श्री महाकालेश्वर मंदिर में पिछले करीब तीन साल से दुर्लभ दर्शन नामक कंपनी ने अपने डेरा जमा रखा है। वीआर (वर्चुअल रियलटी) उपकरण के जरिए श्री महाकाल सहित उज्जैन व अन्य धार्मिक शहरों के देवस्थानों के दर्शन कराने का काम दुर्लभ दर्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी ने इसके लिए मानसरोवर भवन का बड़ा सा हिस्सा कब्जे में ले रखा है। प्रत्येक दर्शन के 150 से 350 रुपए प्रति व्यक्ति चार्ज लिया जाता है। कंपनी के जो विज्ञापन सोशल मीडिया में चल रहे हैं, उसे देखकर श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति बन रही है। विज्ञापन में ऐसा दावा किया जाता है कि भीड़ के कारण दूर से दर्शन होंगे और हम आपको नजदीक से दर्शन कराएंगे। दुर्लभ दर्शन के बिना आपकी यात्रा अधूरी है।

आम श्रद्धालुओं में भ्रम दुर्लभ दर्शन उज्जैन यात्रा का हिस्सा

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सोशल मीडिया (फेशबुक) पर तमाम धार्मिक स्थलों की प्रमोशनल रील कंपनी ने अपने पेज पर डाली है। जिसमें महाकाल मंदिर की रील पर कंपनी ने अपने पक्ष कुछ लोगों से ऐसे शब्द कहला रही है जिसे सुनकर लगता है कि महाकाल मंदिर आकर आपने दुर्लभ दर्शन नहीं किए तो यात्रा अधूरी है। इस कारण अधिकतर दर्शनार्थी यह समझते हैं दुर्लभ दर्शन करे बिना महाकाल दर्शन की यात्रा अधूरी है और वहां जाना जरूरी है।

मंदिर में लगे हैं जगह-जगह बोर्ड

कंपनी ने महाकाल मंदिर में भी जगह-जगह अपने प्रचार बोर्ड लगा रखे हैं। दुर्लभ दर्शन के नाम से बोर्ड लगा देख भी आम दर्शनार्थी भ्रमित होकर यही समझते हैं कि यह मंदिर की ही किसी विशेष दर्शन व्यवस्था का हिस्सा है।

इस तरह के शब्दों से हो रहा है भ्रम

मैं गर्भगृह में तो नहीं जा सकती, लेकिन इन्होंने मुझे साक्षात गर्भगृह में ही खड़ा कर दिया।

गर्भगृह में जो गणेश जी-मां पार्वती की मूर्ति है वो मैं कभी नहीं देख पाती अगर दुर्लभ दर्शन नहीं करती।

अगर मैं दुर्लभ दर्शन नहीं करती तो शायद पास से दर्शन छूट जाता।

दर्शन ठीक है दर्शन भोलेनाथ सभी को देते हैं लेकिन करीब से दर्शन तो सिर्फ वीआर ही करा सकती है।

इतने क्राउड की वजह से दूर से फ्रंट से भोलेनाथ का दर्शन नहीं कर सकते। वीआर आपको सीधे महाकाल के सामने खड़ा कर देता है।

आपको ऐसा लगेगा की आप गर्भगृह में खड़े होकर आरती कर रहे हैं।

उज्जैन व अन्य जगहों के दर्शन कराते हैं: हम कंपनी के तय नियमों के मुताबिक धार्मिक स्थल और विशेष मौकों के दर्शन कराते हैं। प्रत्येक दर्शन का शुल्क 150 रुपए हैं। वीआर से भस्मार्ती, संध्या आरती, काल भैरव मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर और विशेष मौकों के दर्शन की व्यवस्था है।
प्रतीक सक्सेना, प्रबंधक दुर्लभ दर्शन

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