3 किमी की साइकिल रैली 11 मिनट में पूरी, पीछे रह गए महापौर,
टॉवर चौक पर फोटो सेशन तक नहीं पहुंचे
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर बुधवार को नगर निगम ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए रैली निकाली लेकिन यह फ्लॉप शो साबित हुई।
तय समय से आधे घंटे देरी से रवाना हुई रैली का हिस्सा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के अलावा गिने-चुने लोग ही बने जिनकी संख्या बमुश्किल 50 भी नहीं थी। खास बात यह रही कि रैली में भाग लेने पहुंचे महापौर सेलिब्रिटी की तरह लोगों के साथ सेल्फी खिंचवाते रहे। इसी चक्कर में वह पीछे रह गए और टॉवर पर रैली के समापन हुए फोटो सेशन तक भी नहीं पहुंच सके।
दरअसल, बुधवार सुबह 8 बजे सिंहस्थ मेला कार्यालय से रैली की शुरुआत होनी थी। कार्यालय के बाहर मंच बना था जिस पर सिंगर ज्वलंत शर्मा ने बापू के प्रिय भजन वैष्णवजन जन तो… से शुरुआत की। रैली में शामिल होने के लिए प्रतिभागी समय से पहुंच गए। ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन के बाद सभी को टीशर्ट और कैप दी गई। ८.१५ बजे महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव और विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह पहुंचे। सबसे पहले उन्हें टीशर्ट और कैप दी गई। इसके बाद सभी ने स्वच्छता की शपथ ली।
रैली में नहीं दिखे युवा
प्रचार-प्रसार नहीं होने का असर रैली पर साफ नजर आया। इसी का नतीजा रहा कि प्रतिभागियों से ज्यादा नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। युवा और स्टूडेंट्स इससे दूर रहे। रैली में बच्चों में खासा उत्साह रहा लेकिन इनकी संख्या भी इक्का-दुक्का ही रही।
सबसे पीछे था ई-रिक्शा
रैली में शामिल प्रतिभागियों की साइकिल पर स्वच्छता का संदेश देती हुईं तख्तियां लगी थीं। इसके अलावा रैली के आखिर में ई-रिक्शा भी चल रहा था जिस पर शहरवासियों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
महापौर खिंचवाते रहे सेल्फी
रैली के रवाना होने से पहले लोगों ने महापौर मुकेश टटवाल के साथ जमकर सेल्फी ली। महापौर भी किसी सेलिब्रिटी की तरह धड़ाधड़ लोगों के साथ सेल्फी ङ्क्षखचवाते रहे। इसी चक्कर में वह पीछे रह गए और बाकी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी आगे निकल गए।
फोटो सेशन में भी नहीं दिखे
सिंहस्थ मेला कार्यालय से ८.३० बजे शुरू हुई रैली ३ किलोमीटर का सफर तय कर महज ११ मिनट में टॉवर चौक पहुंच गई। यहां बकायदा फोटो सेशन हुआ। केले और पारलेजी बिस्किट के ५ रुपए वाले पैकेट प्रतिभागियों को बांटे गए। यहां विधायक, कलेक्टर, निगमायुक्त तो पहुंच गए लेकिन महापौर नजर नहीं आए। इसके बाद स्वचछता के नारे लगाने के साथ समापन हो गया और सब अपने गंतव्य की ओर निकल गए।